नई दिल्ली: किसान संगठनों द्वारा मंगलवार को मचाये गए उत्पात को लेकर पुलिस ने अभी तक विभिन्न थानों में 7 एफआईआर दर्ज की है. इस पूरी घटना को लेकर दिल्ली पुलिस की तरफ से बयान जारी कर कहा गया है कि ट्रैक्टर रैली में सभी नियमों का उल्लंघन किया गया है. प्रदर्शनकारी हजारों की संख्या में ट्रैक्टर लेकर इसमें शामिल हुए और उनके हाथ में धारदार हथियार थे. इनसे उन्होंने पुलिसकर्मियों पर हमला भी किया.
किसानों ने वादा तोड़ा
पुलिस के अनुसार 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से दिल्ली पुलिस से अनुमति मांगी गई थी. उनके साथ दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की कई बैठक हुई. बातचीत के बाद उन्हें दिल्ली पुलिस की तरफ से शांतिपूर्ण ढंग से ट्रैक्टर रैली निकालने के लिए चार रूट दिए गए थे. उन्होंने इन चारों रूट पर शांतिपूर्वक ढंग से ट्रैक्टर रैली निकालने की बात कही थी. लेकिन सुबह लगभग 8.30 बजे 6 से 7 हजार ट्रैक्टर सिंघु बॉर्डर पर जमा होकर रैली के लिए निकल पड़े. तय नियमों के तहत उन्हें 12 बजे रैली निकालनी थी.
तय रूट छोड़कर पहुंचे मध्य दिल्ली
सिंघु बॉर्डर से संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर की तरफ जाने की जगह वह मध्य दिल्ली की तरफ बढ़ने लगे. दिल्ली पुलिस ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की तो घोड़े पर सवार निहंगों ने उन पर हमला किया. उनके पास तलवार, कृपाण और फरसा थे जिससे उन्होंने पुलिसकर्मियों पर हमला किया. उन्होंने पुलिस के बैरिकेड तोड़कर मुकरबा चौक और ट्रांसपोर्ट नगर पर जमकर उत्पात मचाया. ऐसी घटना गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर भी घटित हुई. गाजीपुर बॉर्डर से किसान रूट तोड़ते हुए आईटीओ आ गए जहां पर वह सिंघु बॉर्डर से आए किसानों के साथ मिल गए. टिकरी बॉर्डर पर भी किसान उस रूट पर जाने के लिए तैयार नहीं थे, जिसके लिए बैठक में बातचीत हुई थी. उन्होंने भी वहां पर बैरिकेड तोड़ने के साथ पुलिसकर्मियों पर जमकर हमला किया. नजफगढ़ जाने की बजाय पीरागढ़ी की तरफ चले गए.
नई दिल्ली में घुसने का प्रयास
बड़ी संख्या में किसान गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर से आईटीओ चौक पर पहुंचे थे. उन्होंने नई दिल्ली की तरफ जाने का प्रयास किया जहां पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका. यहां पर उन्होंने उग्र होकर बैरिकेड तोड़ दिए. डिवाइडर पर ग्रील के लोहे की रॉड तोड़ दी और पुलिसकर्मियों को दौड़ाया. हालांकि यहां पर गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल पुलिसकर्मियों की टीम तुरंत पहुंची और उन्हें नई दिल्ली में घुसने से रोक दिया गया. इसके बाद किसान लाल किले की तरफ चले गए और वहां जाकर उन्होंने लाल किले का गेट तोड़ दिया. लाल किले के अंदर घुसे और ऊपर जाकर अपने संगठन का झंडा फहराया. काफी मशक्कत के बाद पुलिस टीम वहां से उन्हें हटाने में कामयाब रही.
100 से ज्यादा पुलिसकर्मी हुए घायल
दिल्ली पुलिस के अनुसार वह मंहलवार को सुबह से शाम तक मुकरबा चौक, गाजीपुर, आईटीओ, सीमापुरी, नांगलोई, टिकरी बॉर्डर और लाल किले पर किसानों के साथ संघर्ष करते रहे. अभी तक 100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों के घायल होने की सूचना उनके पास आई है. दिल्ली पुलिस पूरे हालात पर नजर बनाए हुए है.
हथियारों से लैस आंदोलनकारियों ने पुलिस पर किया हमला, सभी नियमों की उड़ाई धज्जियां - किसान आंदोलन अपडेट
किसान संगठनों द्वारा मंगलवार को मचाये गए उत्पात को लेकर पुलिस ने अभी तक विभिन्न थानों में 7 एफआईआर दर्ज की है. इस पूरी घटना को लेकर दिल्ली पुलिस की तरफ से बयान जारी कर कहा गया है कि ट्रैक्टर रैली में सभी नियमों का उल्लंघन किया गया है. प्रदर्शनकारी हजारों की संख्या में ट्रैक्टर लेकर इसमें शामिल हुए और उनके हाथ में धारदार हथियार थे. इनसे उन्होंने पुलिसकर्मियों पर हमला भी किया.
नई दिल्ली: किसान संगठनों द्वारा मंगलवार को मचाये गए उत्पात को लेकर पुलिस ने अभी तक विभिन्न थानों में 7 एफआईआर दर्ज की है. इस पूरी घटना को लेकर दिल्ली पुलिस की तरफ से बयान जारी कर कहा गया है कि ट्रैक्टर रैली में सभी नियमों का उल्लंघन किया गया है. प्रदर्शनकारी हजारों की संख्या में ट्रैक्टर लेकर इसमें शामिल हुए और उनके हाथ में धारदार हथियार थे. इनसे उन्होंने पुलिसकर्मियों पर हमला भी किया.
किसानों ने वादा तोड़ा
पुलिस के अनुसार 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से दिल्ली पुलिस से अनुमति मांगी गई थी. उनके साथ दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की कई बैठक हुई. बातचीत के बाद उन्हें दिल्ली पुलिस की तरफ से शांतिपूर्ण ढंग से ट्रैक्टर रैली निकालने के लिए चार रूट दिए गए थे. उन्होंने इन चारों रूट पर शांतिपूर्वक ढंग से ट्रैक्टर रैली निकालने की बात कही थी. लेकिन सुबह लगभग 8.30 बजे 6 से 7 हजार ट्रैक्टर सिंघु बॉर्डर पर जमा होकर रैली के लिए निकल पड़े. तय नियमों के तहत उन्हें 12 बजे रैली निकालनी थी.
तय रूट छोड़कर पहुंचे मध्य दिल्ली
सिंघु बॉर्डर से संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर की तरफ जाने की जगह वह मध्य दिल्ली की तरफ बढ़ने लगे. दिल्ली पुलिस ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की तो घोड़े पर सवार निहंगों ने उन पर हमला किया. उनके पास तलवार, कृपाण और फरसा थे जिससे उन्होंने पुलिसकर्मियों पर हमला किया. उन्होंने पुलिस के बैरिकेड तोड़कर मुकरबा चौक और ट्रांसपोर्ट नगर पर जमकर उत्पात मचाया. ऐसी घटना गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर भी घटित हुई. गाजीपुर बॉर्डर से किसान रूट तोड़ते हुए आईटीओ आ गए जहां पर वह सिंघु बॉर्डर से आए किसानों के साथ मिल गए. टिकरी बॉर्डर पर भी किसान उस रूट पर जाने के लिए तैयार नहीं थे, जिसके लिए बैठक में बातचीत हुई थी. उन्होंने भी वहां पर बैरिकेड तोड़ने के साथ पुलिसकर्मियों पर जमकर हमला किया. नजफगढ़ जाने की बजाय पीरागढ़ी की तरफ चले गए.
नई दिल्ली में घुसने का प्रयास
बड़ी संख्या में किसान गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर से आईटीओ चौक पर पहुंचे थे. उन्होंने नई दिल्ली की तरफ जाने का प्रयास किया जहां पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका. यहां पर उन्होंने उग्र होकर बैरिकेड तोड़ दिए. डिवाइडर पर ग्रील के लोहे की रॉड तोड़ दी और पुलिसकर्मियों को दौड़ाया. हालांकि यहां पर गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल पुलिसकर्मियों की टीम तुरंत पहुंची और उन्हें नई दिल्ली में घुसने से रोक दिया गया. इसके बाद किसान लाल किले की तरफ चले गए और वहां जाकर उन्होंने लाल किले का गेट तोड़ दिया. लाल किले के अंदर घुसे और ऊपर जाकर अपने संगठन का झंडा फहराया. काफी मशक्कत के बाद पुलिस टीम वहां से उन्हें हटाने में कामयाब रही.
100 से ज्यादा पुलिसकर्मी हुए घायल
दिल्ली पुलिस के अनुसार वह मंहलवार को सुबह से शाम तक मुकरबा चौक, गाजीपुर, आईटीओ, सीमापुरी, नांगलोई, टिकरी बॉर्डर और लाल किले पर किसानों के साथ संघर्ष करते रहे. अभी तक 100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों के घायल होने की सूचना उनके पास आई है. दिल्ली पुलिस पूरे हालात पर नजर बनाए हुए है.