नई दिल्ली: संबित पात्रा के जरिए ट्वीट किए गए टूलकिट मामले की जांच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल कर रही है. यह स्पेशल सेल की वही टीम है, जिसे आतंकियों एवं बड़े गैंगस्टर पकड़ने की जिम्मेदारी मिली हुई है. यह टीम दिल्ली दंगों की साजिश को बेनकाब कर चुकी है. खास बात यह है कि इस जांच में साइबर सेल शामिल नहीं है जिसे पिछली बार टूलकिट मामले की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.
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जानिए स्पेशल सेल की जांच टीम की खासियत
इस बार टूलकिट की जांच जिस नई दिल्ली रेंज को सौंपी गई है. वह एंटी टेरर यूनिट है. इसके डीसीपी फिलहाल प्रमोद कुशवाहा हैं. यह टीम मुख्य रूप से आतंकियों एवं शहर के नामी बदमाशों को पकड़ने का काम करती है. यह टीम जेएनयू देशद्रोह मामले की जांच से लेकर दिल्ली दंगे की साजिश का पर्दाफाश करने में शामिल रही है.
दंगे की साजिश को लेकर उमर खालिद सहित दर्जन भर लोगों की गिरफ्तारी इसी टीम ने की थी. विभिन्न आतंकी और ड्रग्स तस्करों को भी इस टीम ने जेल पहुंचाया है. इस टीम को अब टूलकिट मामले की जांच सौंपी गई है. अभी इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. लेकिन स्पेशल सेल की नई दिल्ली रेंज प्राथमिक छानबीन में जुटी हुई है.
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नेताओं से जल्द होगी पूछताछ
इस मामले की जांच कर रही स्पेशल सेल टूलकिट को लेकर ट्विटर को नोटिस भेज चुकी है. इसके अलावा उनके लाडो सराय एवं गुरुग्राम के दफ्तर में भी नोटिस देने पहुंची थी. पुलिस ने कांग्रेस के दो नेताओं को नोटिस भेज दिया है जबकि भाजपा नेता संबित पात्रा से भी पूछताछ की तैयारी की जा रही है. पुलिस सबसे पहले यह जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है कि यह टूलकिट फर्जी है या नहीं.