नई दिल्ली: जनवरी 2018 से लेकर दिसंबर 2018 तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो एक लाख 80 हजार लोगों को जानवरों ने काटा है. जिसमें 97 प्रतिशत मामले डॉग बाइट के सामने आए हैं. इसके बाद 2 प्रतिशत मामले बिल्ली के काटने और एक प्रतिशत अन्य जानवरों के काटने के मामले देखेगए हैं.
सफदरजंग अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर असफी अहमद ने बताया कि अस्पताल में प्रतिदिन 450 से 500 जानवरों के काटने के मामले आते हैं. इनमें सबसे ज्यादा कुत्ते के काटने के केस मिलते हैं. उन्होंने बताया कि पिछले तीन सालों में ये आंकड़ा काफी बढ़ा है. अस्पताल में आने वाले मरीजों काउचित उपचार किया जाता हैताकि उन्हें गंभीर बीमारी ना हो जाए और उनकी जान पर न आ जाए.
उन्होंने बताया कि इसके लिए अस्पताल में पहले जांच की जाती है और उसके बाद रेबीज का इंजेक्शन लगाया जाता है. उनका कहना है कि जानवरों के काटने के मामले में सबसे ज्यादा कुत्तों के केस सामने आ रहे हैं. येबेहद ही गंभीर समस्या है.
हर महीने 12000 से ज्यादा होते हैं मामले
डॉक्टर ने बताया कि प्रतिदिन 450 से 500 मामले यहां आते हैं. अगर प्रतिमाह की बात करें तो करीब 12000 केस देखने को मिलते हैं. वहीं अप्रैल और जून में यह आंकड़ा और ज्यादा बढ़ जाता है. इसलिए जरूरी है कि अप्रैल और जून में लोगों को सबसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है.