अखिल भारतीय आंगनवाड़ी सेविका और सहायिका फेडरेशन (आइफा) के नेतृत्व में देश भर की सैकड़ों आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका सोमवार को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जंतर-मंतर पहुंचीं. इससे पहले उन्होंने मंडी हाउस से जंतर मंतर तक मार्च निकाला जो यहां पहुंचते-पहुंचते सभा में तब्दील हो गई.
न्यूनतम वेतन और पेंशन की मांग
इनकी मांग है कि इनके वेतन भुगतान के लिए बजट में पर्याप्त आवंटन दिया जाए. सेविकाओं ने इस दौरान आईसीडीएस का निजीकरण रोकने और इसे बचाने की भी मांग की. इन्होंने आंगनबाड़ी कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन और पेंशन को लेकर भी आवाज उठाई.
अपनी मांगों को लेकर सेविकाओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने महिला एवं बाल विकास सचिव से मुलाकात भी की और आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स की कार्य स्थिति को सुधारने की मांग वाले 40 लाख हस्ताक्षर उन्हें सौंपे.
आईसीडीएस वाली बढ़ोत्तरी नाकाफी
इस मुद्दे पर ईटीवी भारत से बातचीत में आइफा की जेनरल सेक्रेटरी एआर सिंधु कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा शोर शराबे के साथ आंगनबाड़ी कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी की घोषणा की गई थी, लेकिन देश के अधिकतर हिस्सों में इसे लागू किया जाना अभी तक बाकी है.
उन्होंने कहा कि इस बजट में भी आईसीडीएस के लिए आवंटन किया गया लेकिन इतनी राशि बड़े वेतन को लागू करने के लिए नाकाफी है.
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