नई दिल्ली : दिल्ली में एक बार यमुना में फिर से अमोनिया की मात्रा बढ़ने से दिल्ली वासियों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है.दिल्ली में वजीराबाद और चंद्रावल प्लांट अपनी पूरी क्षमता के अनुरूप पानी का उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में आधी दिल्ली पर पानी का संकट गहरा सकता है. जिसका ज्यादातर असर पूर्वी और दक्षिण पूर्वी दिल्ली में पडेगा. साथ ही मध्य दिल्ली में भी लोगों को काम पानी मिलेगा. दिल्ली जल बोर्ड द्वारा लोगों को अपने घरों में पानी की वैकल्पिक व्यवस्था करने की सलाह दी जा रही है.
जल बोर्ड के अनुसार दिल्ली में दो दिनों से अमोनिया की मात्रा बढ़ाने के कारण वजीराबाद और चंद्रावल प्लांट पूरी तरह से काम नहीं कर रहे हैं. यमुना में अमोनिया का स्तर 2.3 बना हुआ है, फिलहाल अभी अमोनिया का स्तर 2.3 से घटकर 1.6 तक पहुंच गया लेकिन 1.2 होने के बाद ही दिल्ली वासियों को पानी मिल सकता है. जिस कारण जल बोर्ड वजीराबाद और चंद्रावल प्लांट काम नहीं कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें : Drop in Yamuna Water Level: यमुना नदी के जलस्तर में आ रही गिरावट, पैदा हुआ जल संकट
उम्मीद की जा रही है कि बुधवार दोपहर तक यमुना में अमोनिया का स्तर कुछ काम हो सकता है. जिसके बाद ही दिल्ली वासियों को सामान्य तौर पर पानी मिल सकेगा, साथ ही भूमिगत जलाशय और बूस्टिंग पंप की सफाई का काम भी बुधवार से ही शुरू होगा. इसका पूर्वी और दक्षिण पूर्वी दिल्ली में दो दिनों तक दिखेगा और पानी की आपूर्ति बाधित रहेगी.
बुधवार और वीरवार तक पुरानी सीमापुरी, बीपीसी, पंचशील एंक्लेव, कालकाजी, C-7 सफदरजंग विकास क्षेत्र के ब्लॉक, ईस्ट ऑफ़ कैलाश, आरके पुरम सेक्टर 5 फ्लैट पॉकेट, दिलशाद गार्डन में पानी की आपूर्ति बाधित रहेगी. इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को जल बोर्ड द्वारा पानी से टैंकर मंगाने की सलाह दी जा रही है. वही जल बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि इस दौरान लोगों को पानी की उपलब्धता के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी. जरूरत पड़ने टैंकर अन्य माध्यमों से पानी मंगवाया जा सकता है.
यमुना में हर बार प्रदूषण बढ़ने पर अमोनिया की मात्रा का स्तर बढ़ता है .पानीपत के सोनीपत हरियाणा के इलाकों में इंडस्ट्रियल एरिया से यमुना में केमिकल युक्त पानी छोड़ा जाता है जिससे दिल्ली वासियों को हर बार पानी के समस्या का सामना करना पड़ता है .
ये भी पढ़ें : यमुना सेवा पदयात्रा पूरी कर दिल्ली पहुंचे अवधूत दादा गुरु, कहा- यमुना को बचाने के लिए उठाने होंगे कड़े कदम