नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा पुलिस ने अमेरिकी लोगों के साथ हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी देने के नाम पर ठगी करने वाले कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया. मामले में फेज वन थाने की पुलिस ने 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपी निखिल गिरोह का सरगना है. गिरोह में शामिल ज्यादातर आरोपी आठवीं और इंटरमीडिएट हैं, लेकिन सभी फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं. पुलिस मामले में बाकी आरोपियों की तलाश कर रही है.
200 से अधिक अमेरिकी नागरिकों के साथ ठगी: एडिशनल डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि फेज वन थाना प्रभारी को सूचना मिली थी कि सेक्टर दो के बी ब्लॉक में एक फर्जी कॉल सेंटर संचालित हो रहा है. कॉल सेंटर के जरिए गिरोह के सदस्य इंटरनेट कॉल कर अमेरिका के लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी दिलाने के नाम पर ठगी कर रहा है. सूचना के आधार पर गठित टीम ने बताए गए स्थान पर छापा मारा और मौके से 14 लोगों को गिरफ्तार किया. आरोपी अबतक 200 से अधिक अमेरिकी नागरिकों को निशाना बना चुके हैं.
पकड़े गए आरोपियों की पहचान बिहार के दरभंगा निवासी निखिल यशवाल और अंकित कुमार झा, गाजियाबाद निवासी अंकुश गुप्ता, सेक्टर-116 निवासी ओरको सैन, सेक्टर-15 निवासी हर्ष सिंह, निठारी निवासी कमरान फरीदी, बरौला निवासी नितिन चौधरी और निशांत कुमार, दिल्ली निवासी दीपांशु चौहान, नितिन सिंह, ऋषभ गुप्ता, गौरव सिंह, ताजीम अली और कुलदीप मिश्रा के रूप में हुई है. कॉल सेंटर से सात कंप्यूटर डेस्कटॉप, सात वाई-फाई राउटर, इंटरनेट स्विच बोर्ड, लैपटॉप, हेडफोन, कॉलिंग शीट, वर्कशीट, रिज्यूम, क्लाइंट लिस्ट, डॉयलर नंबर लिस्ट सहित अन्य सामान बरामद हुआ है.
ऐसे करते थे ठगी: गिरफ्तार आरोपी कॉल करने के दौरान अमेरिका के लोगों को अपना फर्जी नाम बताते थे. वह लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की जानकारी देते थे. जैसे ही कोई व्यक्ति हेल्थ पॉलिसी लेने के लिए तैयार होता था, तो यह उस कॉल को बताई गई कंपनी को ट्रांसफर कर देते थे. इसकी एवज में इन्हें 30 से 35 डॉलर प्रति व्यक्ति मिलते थे. आरोपी बिना लाइसेंस के फर्जी तरीके से इस गोरखधंधे को अंजाम दे रहा था.
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आठवीं पास भी बोलते हैं फर्राटेदार अंग्रेजी: थाना प्रभारी ने बताया कि निखिल गिरोह का सरगना है. गिरोह में शामिल ज्यादातर आरोपी आठवीं और इंटरमीडिएट हैं. आरोपियों ने ठगी का काम करने से पहले नामी कोचिंग से अंग्रेजी में बात करने का तीन महीने परीक्षण लिया है. आरोपी अंग्रेजी एकदम विदेशियों के टोन में बोलते थे, इसलिए इनपर कोई भी ग्राहक शक नहीं करता था. अधिकतर आरोपियों को मासिक सैलरी के साथ मोटा कमीशन मिलता था. अधिकारियों ने बताया कि अगर आवश्यकता हुई तो सरगना सहित अन्य के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई भी की जाएगी.