नई दिल्ली: इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों ने सोमवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया. छात्र यहां कॉलेज में चार गुना फीस बढ़ोतरी को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने बताया कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बीते 875 दिनों से आंदोलन चल रहा है, लेकिन बढ़ी हुई फीस कम नहीं की गई है. साथ ही इलाहाबाद विश्विद्यालय की कुलपति की नियुक्ति के खिलाफ छात्रों ने कहा कि उनकी नियुक्ति में भ्रष्टाचार है. इसलिए उन्हें पद से हटाने और बढ़ी हुई फीस को वापस लेने के फैसले को लेकर हम इलाहाबाद से दिल्ली यूजीसी के दफ्तर आए हैं. इस प्रदर्शन में दिल्ली विश्व विद्यालय के छात्र संगठन आइसा के भी छात्र मौजूद थे.
मंगलवार को बुलाई प्रेस कॉन्फ्रेंस
छात्र संघ संयुक्त संघर्ष समिति इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र नेता अजय यादव ने बताया कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में 400 प्रतिशत फीस वृद्धि, छात्र संघ बहाली और कुलपति की निरंकुशता व व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रदर्शन और आमरण अनशन चल रहा है. हम मंगलवार को इस संबंध में एक प्रेस वार्ता करेंगे और कुलपति की नियुक्ति में भ्रष्टाचार को उजागर करेंगे.
क्या बोले प्रदर्शनकारी?
यादव ने बताया कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अघोषित आपातकाल चल रहा है. 400 फीसदी फीस वृद्धि के खिलाफ 95 दिनों से छात्र आमरण अनशन पर बैठे हैं. छात्र संघ बहाली को लेकर 800 से अधिक दिनों से छात्र धरने पर बैठे हैं. इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति की नियुक्ति अवैध है. उनके पति सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस है.
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उसके बल पर छात्रों का दमन किया जा रहा है. लगातार छात्रों को प्रताड़ित किया जा रहा है. मेरिट लिस्ट में आने वाले छात्र जो प्रदर्शन कर रहे हैं उनका दाखिला निरस्त किया जा रहा है. अगर हमारी मांग पूरी नहीं होती है तो छात्र रोहित वेमुला बनने के लिए तैयार हैं.
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