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केजरीवाल सरकार के तमाम प्रयास व योजनाएं रहीं विफल, प्रदूषण से दमघोंटू बनी रही दिल्ली - दमघोंटू बनी रही दिल्ली

Year Ender 2023: दिल्ली में प्रदूषण का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. केजरीवाल सरकार द्वारा प्रदूषण के रोकथाम के लिए तमाम प्रयास किए गए, लेकिन लोगों को प्रदूषण से विशेष राहत नहीं मिली. अभी भी दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बेहद खराब श्रेणी में है.

केजरीवाल सरकार के तमाम प्रयास व योजनाएं रहीं विफल
केजरीवाल सरकार के तमाम प्रयास व योजनाएं रहीं विफल
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 28, 2023, 6:34 AM IST

सरकार के तमाम प्रयास व योजनाएं रहीं विफल

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की रोकथाम के लिए केजरीवाल सरकार की ओर से 365 दिन काम करने की योजना बनाई गई. गर्मियों के सीजन में समर एक्शन प्लान बनाकर पौधरोपण के साथ अन्य काम किए गए. जबकि, सर्दियों के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल ने 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान लागू किया. इसके तहत दर्जनों योजनाएं बनाई गई. दिल्ली के सभी मंत्री समेत डेढ़ हजार से अधिक टीमें प्रदूषण रोकथाम के लिए सड़क पर उतरे, लेकिन लोगों को इससे विशेष राहत नहीं मिली. सर्दियों के दौरान पूरी दिल्ली प्रदूषण से कराहती रही.

वर्षा या तेज हवा ने दी प्रदूषण से राहतः दिल्ली गैस का चैंबर बन चुकी है. सर्दियों के दिनों में प्रदूषण का स्तर (एक्यूआई) ज्यादातर दिनों में 300 से अधिक रहा. अस्थमा, फेफड़े व दिल के मरीजों के साथ अन्य लोगों को भी आंखों में जलन, सांस लेने में परेशानी समेत अन्य समस्याएं झेलनी पड़ रही है. मुख्यमंत्री केजरीवाल व पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की ओर से दावा किया गया कि पिछले आठ सालों में लगातार प्रदूषण कम हो रहा है. प्रदूषण की स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी लोगों को प्रदूषण से राहत नहीं मिली है.

दिल्ली सरकार की ओर से प्रदूषण की रोकथाम को लेकर विभिन्न अभियान चलाए गए. इन अभियानों व तमाम प्रयासों से दिल्ली में प्रदूषण बहुत ज्यादा कम नहीं हुआ. जब भी दिल्ली में तेज हवा चला या वर्षा हुई तभी लोगों को प्रदूषण से राहत मिली. हवा की रफ्तार कम होते या वर्षा बंद होने के बाद दोबारा प्रदूषण बढ़ गया. अक्टूबर से नवंबर के बीच पंजाब और हरियाणा में पराली भी जलाई गई. इससे भी दिल्ली में कुछ हद तक प्रदूषण हुआ.

15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान लागू: सीएम केजरीवाल ने 29 सितंबर को दिल्ली में प्रदूषण की रोकथाम के लिए विंटर एक्शन प्लान लागू किया, जिसमें दिल्ली के सबसे ज्यादा प्रदूषि 13 इलाकों की निगरानी के लिए अलग अलग टीमें बनाई गई. पराली न जलाई जाए इसके लिए बायो डीकंपोजर का प्रयोग किया गया. धूल और धुएं से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए विभिन्न योजनाएं बनाई गई, उन पर काम भी हुआ. लोगों को प्रदूषण से विशेष राहत नहीं मिली. दिल्ली में इस साल अक्टूबर 2023 तक डीजल की 10 साल व पेट्रोल की 15 साल से अधिक पुरानी 14,885 गाड़ियों को जब्त किया गया.

ग्रैप को लेकर कब क्या हुआः

  1. एक अक्टूबर को दिल्ली एनसीआर में ग्रेडेट रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) लागू किया गया.
  2. 21 क्टूबर को ग्रैप 2 लागू किया गया, जिसके तहत होटल, ढाबों पर कोयले व लकड़ी के प्रयोग पर रोक लगाई गई.
  3. तीन नवंबर को ग्रैप 3 लागू किया गया, जिसके तहत दिल्ली में बीएस-3 पेट्रोल व बीएस 4 डीजल वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई.
  4. 5 नवंबर को ग्रैप 4 लागू कर दिया गया. सभी निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लग गया. 19 नवंबर को ग्रैप 4 हटा दिया गया.
  5. 29 नवंबर को प्रदूषण कम होने पर ग्रैप 3 की पाबंदियों को हटा लिया गया. अभी ग्रैप 1 व ग्रैप 2 की पाबंदियां लागू है.
  6. ग्रैप के नियमों का पालन कराने और निगराने के लिए 6 उच्च अधिकारियों की कमेटी भी बनाई गई है.

प्रदूषण की रोकथाम को लेकर उठाए गए कदमः

  1. 210 टीमें दिल्ली में पटाखों के निर्माण, भंडारण व बिक्री पर रोक लगाने के लिए लगाई गई.
  2. 82 एआरएम मशीन, वाटर स्प्रिंकलर दिल्ली के विभिन्न सड़कों पर छिड़काव के लिए उतारे गए.
  3. 385 वाटर स्प्रिंकलर मशीनों को दिल्ली के विभिन्न विभागों ने सड़क पर छिड़काव के लिए उतारा.
  4. 215 मोबाइल एंटी स्माग गन से छिड़काव कर प्रदूषण की रोकथाम के प्रयास किए गए.
  5. 106 सरकारी बिल्डिंगों पर एंटी स्माग गन लगाया गया, जिससे प्रदूषण कम कर सकें.
  6. 26 अक्टूबर को दिल्ली में रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया गया.
  7. 591 टीमें एंटी डस्ट अभियान में लगाई गई, जो निरीक्षण कर रही है. 20 हजार निर्माण स्थलों का निरीक्षण किया.
  8. 611 टीमें कूड़ा जलाने पर निगरानी के लिए बनाई गई, जो कार्रवाई भी कर रही है.
  9. 4.5 लाख से अधिक रुपये का जुर्माना खुले में कूड़ा जलाने पर करीब 2 सौ लोगों पर लगाया गया.
  10. 385 टीमें दिल्ली में सड़कों पर वाहनों की पीयूसी सर्टिफिकेट जांच के लिए लगाई गई है.
  11. 6 हजार से अधिक वाहनों को प्रतिबंध के दौरान दिल्ली बार्डर से ही वापस कर दिया गया.
  12. 3,895 निर्माणाधीन साइटों का निरीक्षण किया गया, नियमों के उल्लंघन पर 1.85 करोड़ का जुर्माना लगाया गया.
  13. प्रदूषण की रोकथाम को को लेकर दिल्ली के सभी मंत्री नौ नवंबर से ग्राउंड पर उतरे

वर्ष 2023 में सर्दियों के पांच माह में कितने दिन किस स्तर में रहा प्रदूषण:

माह अच्छा संतोषजन मध्यम खराब बहुत खराबगंभीर
जनवरी000001 0711 12
फरवरी00 0008 071003
अक्टूबर00 0214 12 03 00
नवंबर00 0000 02 1810
दिसंबर00 0000 030900

(नोटः आंकड़े सीबीसीबी के दिल्ली के आईटीओ स्टेशन के हैं)

ये भी पढ़ें: Delhi Pollution: सीएम केजरीवाल ने जारी किया विंटर एक्शन प्लान, पटाखों पर प्रतिबंध के साथ ही लागू होगा 'ग्रैप'

एक्यूआई का मानकः

मानकएक्यूआई
अच्छा 0–50
संतोषजनक 51–100
मध्यम 101–200
खराब 201–300
बहुत खराब301–400
गंभीर401–500

विश्व में सबसे प्रदूषित रही दिल्लीः आईक्यू एयर संस्था की ओर से विश्व के प्रदूषित शहरों की निगरानी की जाती है. पीएम 2.5 के आधार पर यह संस्था रिपोर्ट तैयार करती है. संस्था की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली इस साल भी ज्यादातर दिनों में विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों में रही. कभी पहले स्थान पर तो कभी दूसरे या तीसरे स्थान पर दिल्ली प्रदूषित शहर दर्ज की गई.

सरकार के तमाम प्रयास व योजनाएं रहीं विफल

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की रोकथाम के लिए केजरीवाल सरकार की ओर से 365 दिन काम करने की योजना बनाई गई. गर्मियों के सीजन में समर एक्शन प्लान बनाकर पौधरोपण के साथ अन्य काम किए गए. जबकि, सर्दियों के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल ने 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान लागू किया. इसके तहत दर्जनों योजनाएं बनाई गई. दिल्ली के सभी मंत्री समेत डेढ़ हजार से अधिक टीमें प्रदूषण रोकथाम के लिए सड़क पर उतरे, लेकिन लोगों को इससे विशेष राहत नहीं मिली. सर्दियों के दौरान पूरी दिल्ली प्रदूषण से कराहती रही.

वर्षा या तेज हवा ने दी प्रदूषण से राहतः दिल्ली गैस का चैंबर बन चुकी है. सर्दियों के दिनों में प्रदूषण का स्तर (एक्यूआई) ज्यादातर दिनों में 300 से अधिक रहा. अस्थमा, फेफड़े व दिल के मरीजों के साथ अन्य लोगों को भी आंखों में जलन, सांस लेने में परेशानी समेत अन्य समस्याएं झेलनी पड़ रही है. मुख्यमंत्री केजरीवाल व पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की ओर से दावा किया गया कि पिछले आठ सालों में लगातार प्रदूषण कम हो रहा है. प्रदूषण की स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी लोगों को प्रदूषण से राहत नहीं मिली है.

दिल्ली सरकार की ओर से प्रदूषण की रोकथाम को लेकर विभिन्न अभियान चलाए गए. इन अभियानों व तमाम प्रयासों से दिल्ली में प्रदूषण बहुत ज्यादा कम नहीं हुआ. जब भी दिल्ली में तेज हवा चला या वर्षा हुई तभी लोगों को प्रदूषण से राहत मिली. हवा की रफ्तार कम होते या वर्षा बंद होने के बाद दोबारा प्रदूषण बढ़ गया. अक्टूबर से नवंबर के बीच पंजाब और हरियाणा में पराली भी जलाई गई. इससे भी दिल्ली में कुछ हद तक प्रदूषण हुआ.

15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान लागू: सीएम केजरीवाल ने 29 सितंबर को दिल्ली में प्रदूषण की रोकथाम के लिए विंटर एक्शन प्लान लागू किया, जिसमें दिल्ली के सबसे ज्यादा प्रदूषि 13 इलाकों की निगरानी के लिए अलग अलग टीमें बनाई गई. पराली न जलाई जाए इसके लिए बायो डीकंपोजर का प्रयोग किया गया. धूल और धुएं से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए विभिन्न योजनाएं बनाई गई, उन पर काम भी हुआ. लोगों को प्रदूषण से विशेष राहत नहीं मिली. दिल्ली में इस साल अक्टूबर 2023 तक डीजल की 10 साल व पेट्रोल की 15 साल से अधिक पुरानी 14,885 गाड़ियों को जब्त किया गया.

ग्रैप को लेकर कब क्या हुआः

  1. एक अक्टूबर को दिल्ली एनसीआर में ग्रेडेट रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) लागू किया गया.
  2. 21 क्टूबर को ग्रैप 2 लागू किया गया, जिसके तहत होटल, ढाबों पर कोयले व लकड़ी के प्रयोग पर रोक लगाई गई.
  3. तीन नवंबर को ग्रैप 3 लागू किया गया, जिसके तहत दिल्ली में बीएस-3 पेट्रोल व बीएस 4 डीजल वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई.
  4. 5 नवंबर को ग्रैप 4 लागू कर दिया गया. सभी निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लग गया. 19 नवंबर को ग्रैप 4 हटा दिया गया.
  5. 29 नवंबर को प्रदूषण कम होने पर ग्रैप 3 की पाबंदियों को हटा लिया गया. अभी ग्रैप 1 व ग्रैप 2 की पाबंदियां लागू है.
  6. ग्रैप के नियमों का पालन कराने और निगराने के लिए 6 उच्च अधिकारियों की कमेटी भी बनाई गई है.

प्रदूषण की रोकथाम को लेकर उठाए गए कदमः

  1. 210 टीमें दिल्ली में पटाखों के निर्माण, भंडारण व बिक्री पर रोक लगाने के लिए लगाई गई.
  2. 82 एआरएम मशीन, वाटर स्प्रिंकलर दिल्ली के विभिन्न सड़कों पर छिड़काव के लिए उतारे गए.
  3. 385 वाटर स्प्रिंकलर मशीनों को दिल्ली के विभिन्न विभागों ने सड़क पर छिड़काव के लिए उतारा.
  4. 215 मोबाइल एंटी स्माग गन से छिड़काव कर प्रदूषण की रोकथाम के प्रयास किए गए.
  5. 106 सरकारी बिल्डिंगों पर एंटी स्माग गन लगाया गया, जिससे प्रदूषण कम कर सकें.
  6. 26 अक्टूबर को दिल्ली में रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया गया.
  7. 591 टीमें एंटी डस्ट अभियान में लगाई गई, जो निरीक्षण कर रही है. 20 हजार निर्माण स्थलों का निरीक्षण किया.
  8. 611 टीमें कूड़ा जलाने पर निगरानी के लिए बनाई गई, जो कार्रवाई भी कर रही है.
  9. 4.5 लाख से अधिक रुपये का जुर्माना खुले में कूड़ा जलाने पर करीब 2 सौ लोगों पर लगाया गया.
  10. 385 टीमें दिल्ली में सड़कों पर वाहनों की पीयूसी सर्टिफिकेट जांच के लिए लगाई गई है.
  11. 6 हजार से अधिक वाहनों को प्रतिबंध के दौरान दिल्ली बार्डर से ही वापस कर दिया गया.
  12. 3,895 निर्माणाधीन साइटों का निरीक्षण किया गया, नियमों के उल्लंघन पर 1.85 करोड़ का जुर्माना लगाया गया.
  13. प्रदूषण की रोकथाम को को लेकर दिल्ली के सभी मंत्री नौ नवंबर से ग्राउंड पर उतरे

वर्ष 2023 में सर्दियों के पांच माह में कितने दिन किस स्तर में रहा प्रदूषण:

माह अच्छा संतोषजन मध्यम खराब बहुत खराबगंभीर
जनवरी000001 0711 12
फरवरी00 0008 071003
अक्टूबर00 0214 12 03 00
नवंबर00 0000 02 1810
दिसंबर00 0000 030900

(नोटः आंकड़े सीबीसीबी के दिल्ली के आईटीओ स्टेशन के हैं)

ये भी पढ़ें: Delhi Pollution: सीएम केजरीवाल ने जारी किया विंटर एक्शन प्लान, पटाखों पर प्रतिबंध के साथ ही लागू होगा 'ग्रैप'

एक्यूआई का मानकः

मानकएक्यूआई
अच्छा 0–50
संतोषजनक 51–100
मध्यम 101–200
खराब 201–300
बहुत खराब301–400
गंभीर401–500

विश्व में सबसे प्रदूषित रही दिल्लीः आईक्यू एयर संस्था की ओर से विश्व के प्रदूषित शहरों की निगरानी की जाती है. पीएम 2.5 के आधार पर यह संस्था रिपोर्ट तैयार करती है. संस्था की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली इस साल भी ज्यादातर दिनों में विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों में रही. कभी पहले स्थान पर तो कभी दूसरे या तीसरे स्थान पर दिल्ली प्रदूषित शहर दर्ज की गई.

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