अलका लांबा ने एक ट्वीट करते हुए लिखा, 'जब कांग्रेस में थी, तभी भी भ्रष्टाचार के खिलाफ जनलोकपाल बिल का पूरा समर्थन किया. उसी की खातिर 20 साल की राजनीति जीरो कर AAP के साथ आई. खूब मेहनत की, दिल्ली में सरकार तो बन गई पर जनलोकपाल की लड़ाई कहीं पीछे छूट गई. जय हिंद.'
आपको बता दें, सिख नरसंहार मामले में कोर्ट ने सज्जन कुमार को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा दी थी. उसके बाद दिल्ली विधानसभा में तब के पीएम राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने की मांग की गई. अलका लांबा ने इसका विरोध किया.
इसी वक्त पहली बार लांबा और पार्टी के बीच विरोध खुलकर सामने आया. इसके बाद खबरें आनी शुरू हुई कि लांबा को पार्टी की मीटिंग में नहीं बुलाया जा रहा है. अब लांबा का ये ट्वीट इस बात की ओर इशारा करता है कि 'आप' में सबकुछ सही नहीं है.