नई दिल्ली: शीला दीक्षित के निधन के बाद रविवार को दिल्ली में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया. दिवंगत शीला दीक्षित के निधन के बाद कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं में मायूसी छा गई है.
शीला दीक्षित के जाने के बाद दिल्ली कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में काम करने वाले कर्मचारियों से ईटीवी भारत ने बात की.
सूना पड़ा है दफ्तर
बता दें कि दिल्ली कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में जहां विधानसभा चुनाव की तैयारियां चल रही थीं. एक के बाद एक शीला दीक्षित के निर्देश और नेतृत्व में बैठकें की जा रही थी, वहीं उनकी मृत्यु के बाद दफ्तर में मायूसी और सन्नाटे के अलावा कुछ नहीं है.
चाय पिलाने वाले विक्रम से बातचीत
प्रदेश कमेटी के दफ्तर में हमने उन लोगों से बातचीत की जो रोज शीला दीक्षित से मिला करते थे. यहां चपरासी की नौकरी करने वाले विक्रम ने बताया कि शीला दीक्षित भले ही एक बड़ा पद रखती हों, लेकिन उनका व्यक्तित्व बहुत बड़ा था. वो हमें कभी भी छोटा आदमी नहीं समझती थी. उन्होंने कहा कि वह हमेशा अपने बेटे की तरह हालचाल पूछती थी.
क्या कहते हैं यहां के गार्ड
फिर हमनें वहीं के एक गार्ड से बातचीत की उन्होंने बताया कि शीला दीक्षित जब गाड़ी से उतरकर गेट से अंदर आती थीं तो वह हमेशा हम लोगों का हालचाल पूछती थीं. उन्होंने कहा कि वह भले ही बड़ी नेत्री रही हों लेकिन उनका दिल बेहद ही सरल स्वभाव का था.