नई दिल्ली: दिल्ली में काम करने वाले मजदूरों के लिए अब सस्ते घर बनाने का रास्ता साफ हो गया है. डीडीए ने अपनी बोर्ड बैठक में अफॉर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स बनाने की योजना को मंजूरी दे दी है. हालांकि इसे नोटिफाई करने का काम अभी मंत्रालय द्वारा किया जाएगा. यह फ्लैट सरकारी जमीन के अलावा निजी जमीन पर भी बनाए जा सकेंगे. इसके लिए डेवलपर को केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करना होगा.
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डीडीए बोर्ड की बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में उपाध्यक्ष अनुराग जैन सहित डीडीए के विभिन्न सदस्य शामिल हुए. इस बैठक में सबसे महत्वपूर्ण निर्णय अफॉर्डेबल रेंटल हाउसिंग कंपलेक्स (ARHC) योजना को लेकर किया गया. इस योजना को बोर्ड ने मंजूरी दे दी है. यह तय किया गया है कि दिल्ली में किराए के लिए सस्ते घर बनाए जाएंगे. केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस के तहत इसके लिए काम किया जाएगा.
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डीडीए के अनुसार इस योजना के लिए शुरुआती मंजूरी बीते 18 मार्च को आयोजित बोर्ड बैठक में दी गई थी. पब्लिक नोटिस जारी कर लोगों से इससे संबंधित सुझाव एवं आपत्ति मांगे गए थे. इस पर लोगों द्वारा दिए गए सुझाव एवं आपत्ति डीडीए को मिल चुके हैं और बोर्ड के समक्ष इस पर सुनवाई भी हो चुकी है. डीडीए द्वारा अब 9स प्रस्ताव को मंजूरी के लिए आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय को भेजा जाएगा. वहां से इसका नोटिफिकेशन जारी होगा.
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डीडीए सूत्रों के अनुसार ऐसे घर सरकारी जमीन के अलावा निजी जमीन पर भी बनाए जा सकेंगे. डीडीए के द्वारा तय किए गए नियमों के अनुसार हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में सिंगल बैडरूम या डबल बैडरूम हो सकते हैं. इस जगह पर 10 फीसदी एफएआर में व्यवसायिक गतिविधि चलाई जा सकेगी जिसे डेवलपर बेच भी सकेगा. घर किराए पर देने के लिए लाइसेंस डीड बनवाना होगा जो कम से कम 3 महीने और अधिकतम 3 साल का हो सकता है. इससे लोगों के लिए सस्ते घर दिल्ली में उपलब्ध हो सकेंगे. खासतौर से मजदूरों के लिए यह एक बड़ी राहत लेकर आएगा.