नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2022-23 से कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के तहत दाखिला होगा. डीयू में आयोजित हुई अकादमिक काउंसिल की बैठक में प्रवेश परीक्षा आधारित एडमिशन के प्रस्ताव को शुक्रवार को मंजूरी मिल गई है. इसके अलावा इस बैठक में आगामी सत्र से डीयू में बीटेक पाठ्यक्रम शुरू करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गई है. यह पाठ्यक्रम फैकल्टी ऑफ टेक्नोलॉजी के अंतर्गत शुरू किया जाएगा. यह सभी प्रस्ताव एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में रखे जाएंगे.
अकादमिक परिषद की बैठक शुक्रवार को हुई और कुछ सदस्यों के इसके खिलाफ विरोध जताने के बावजूद प्रवेश परीक्षाएं कराने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया. हालांकि 26 निर्वाचित सदस्यों में से 17 ने इस प्रस्ताव पर असहमति जताई है इसके बाद भी इस प्रस्ताव को पारित कर दिया गया है. अब इस विषय पर 17 दिसंबर को होने वाली कार्यकारी परिषद की बैठक में चर्चा की जाएगी.
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दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा आधारित एडमिशन और बीटेक कोर्स शुरू करने को लेकर अकादमिक काउंसिल के सदस्य मिथुराज धुसिया ने विरोध जताया था. उन्होंने कहा कि स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश परीक्षा आधारित एडमिशन से कोचिंग इंस्टिट्यूट चलाने वालों को फायदा होगा. इस तरह के दाखिला प्रक्रिया में वंचित वर्ग और लड़कियों को एडमिशन लेने में कठिनाई होगी.
वहीं अकादमिक काउंसिल सदस्य प्रोफेसर चंद्र मोहन नेगी ने कहा कि प्रवेश परीक्षा आधारित एडमिशन से छात्रों की एक और समस्या बढ़ जाएगी. स्नातक पाठ्यक्रम में लड़कियों की संख्या में गिरावट आएगी. दूर-देहात और गरीब छात्र का डीयू में एडमिशन का सपना पूरा नहीं हो पाएगा. वहीं प्रोफेसर आलोक राजन पांडेय ने एक बार फिर से समायोजन के मुद्दे को उठाया. इसके अलावा उन्होंने डीयू में दिल्ली सरकार के 12 वित्त पोषित कॉलेज में फंड की समस्या का भी मुद्दा उठाया है.
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फिलहाल दिल्ली विश्वविद्यालय में मेरिट आधारित एडमिशन होता है. जबकि 13 स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश परीक्षा आधारित एडमिशन होता है.
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