नई दिल्ली: 23 जनवरी को नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 126वीं जयंती है, जिसे पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस साल नेताजी की जयंती पर दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 23 और 24 जनवरी को जनजातीय नृत्य महोत्सव 'आदि शौर्य-पर्व पराक्रम' का आयोजन किया जाएगा. इस दो दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम में देशभर से तीन हजार से अधिक छात्र हिस्सा लेंगे.
इस संबंध में दिल्ली सरकार की शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी कर दिया है, जिसमें कहा गया है कि देश 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में याद करता है. जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में भारतीय सशस्त्र बलों और जनजातीय मामलों के मंत्रालय के समन्वय में रक्षा मंत्रालय द्वारा दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. यह आयोजन विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धन का एक अच्छा अवसर है. इसलिए दिल्ली के 15-15 स्कूलों से 100 छात्र इस दो दिवसीय कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे.
पहले 15 स्कूल के 100 बच्चे 23 जनवरी को जाएंगे. इसके अगले दिन अन्य 15 स्कूल के 100 छात्र हिस्सा लेने के लिए जाएंगे. इन सभी छात्रों को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जयंती के रूप में सैन्य टैटू और इरीबल नृत्य में भाग लेने के लिए चुना गया है. शिक्षा विभाग ने इस संबंध में स्कूलों प्रमुखों को दिशा निर्देश जारी किए हैं. यहां जानकारी के लिए बताते चले कि
रक्षा मंत्रालय और जनजातीय कार्य मंत्रालय संयुक्त रूप से इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं, जिसमें भारतीय तटरक्षक समन्वयक की भूमिका निभा रहा है.
छात्रों को स्टेडियम लाने के लिए बस की सुविधा
शिक्षा विभाग ने कहा है कि जिन छात्रों को जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में हिस्सा लेने के लिए जाना है. उनके लिए बस की सुविधा दी जा रही है. आने जाने के लिए दो-दो बसें प्रदान की जाएंगी. कार्यक्रम स्थल पर रिपोर्टिंग का समय दोपहर 3 बजे है. इसलिए बस दोपहर 1 बजे शुरू होंगी. कार्यक्रम शाम 7 बजे समाप्त होगा. सुरक्षा की दृष्टि से छात्रों और शिक्षकों को अपना पहचान पत्र साथ में रखना होगा. छात्र स्कूल यूनिफॉर्म में होना चाहिए. स्टेडियम के अंदर बैग ले जाने की अनुमति नहीं होगी.
कार्यक्रम में यह होगा खास
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में दो दिनों तक चलने वाले कार्यक्रम में सशस्त्र बलों की संगीतमय प्रस्तुति (पैरामोटर ग्लाइडिंग, हॉट एयर बैलून, हॉर्स शो, मोटर साइकिल डिस्प्ले, एयर वारियर ड्रिल, नेवी बैंड) और देश भर से आए आदिवासी कलाकारों का एक घंटे का पारंपरिक नृत्य प्रदर्शन होगा. जिसमें खुखरी नृत्य, गतका, मल्लखंब, कलारिपयतु, थंगटा शामिल हैं.
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