नई दिल्लीः वर्ष 2022 में कांवड़ कैंपो में 23.40 करोड़ की लागत से टेंट लगाने का ठेका देने में फर्जीवाड़ा किया गया था. विजिलेंस की जांच में तीन अधिकारियों के नाम सामने आए थे. चीफ सेक्रेटरी ने इसकी रिपोर्ट एलजी को भेजी है. रिपोर्ट में पूर्व एसडीएम हेडक्वॉर्टर आरआर सिंह, सेक्शन ऑफिसर संजय कुमार मदान व जूनियर इंजीनियर अनुराग पर फर्जीवाड़े का आरोप है. एलजी ने इस सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
एलजी ऑफिस से मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2022 में 19 जुलाई को कांवड़ टेंट लगाने में फर्जीवाड़े की शिकयत मिली थी. शिकायत करने वाले ने आरोप लगाया था कि ऑर्डिनरी टेंट 3.45 रुपये प्रति वर्ग फुट के रेट पर लगाए गए थे, जबकि 2019 में इनका रेट 2.25 रुपये प्रति वर्ग फुट था. 3.45 रुपये के रेट पर वॉटरप्रूफ टेंट लगाए जाते हैं.
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राजस्व विभाग ने 7.90 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से टीन शेड लगवाए, जबकि पहले 3.90 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से पाइप से बने स्टील हैंगर्स लगाए थे. इतना ही नहीं 8 रुपये प्रति यूनिट के दर से एलईडी लाइटें भी लगवाई गईं थीं. इससे पहले सिर्फ 1 रुपये प्रति यूनिट की दर से हैलोजन लाइट लगी थी.
विजिलेंस विभाग को राजस्व विभाग ने बताया कि सामान लेने का वर्क ऑर्डर एक्सटेंशन बेसिस पर दिया गया. इस मामले में एलजी ने चीफ सेक्रेटरी को सभी आरोपों की गहनता से जांच कर रिपोर्ट देने को कहा था. चीफ सेक्रेटरी ने 21 अक्टूबर 2022 को विजिलेंस विभाग की जांच रिपोर्ट एलजी आफिस में जमा की थी. एलजी ने अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. इस मामले में दिल्ली सरकार ने कहा है कि दिल्ली सरकार को इस तरह के किसी मामले की जानकारी नहीं है. इसकी पुष्टि होनी चाहिए और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
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