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छात्रों के आत्महत्या के मामलों को रोकने के लिए शीघ्र उठाए जाएं कड़े कदम- ABVP - abvp says strict steps should be taken

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की और से कहा है कि केंद्र, राज्य सरकार एवं शेक्षणिक संस्थानों को छात्रों द्वारा की जा रही आत्महत्या को लेकर कदम उठाने चाहिए. साथ ही यह भी कहा गया है कि छात्रों पर मानसिक दवाब डालने वाले कारणों की भी पहचान करनी होगी.

akhil bhartiya vidyarthi parishad
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 3, 2023, 4:40 PM IST

नई दिल्ली: आईआईटी दिल्ली में शुक्रवार को एक छात्र के खुदकुशी करने के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने कहा है कि हम इससे बहुत व्यथित हैं. दो महीने के भीतर आईआईटी दिल्ली में यह छात्र द्वारा आत्महत्या किए जाने का दूसरा मामला है. परिषद की तरफ से कहा गया कि देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ने वाले व शहरों में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों की आत्महत्या की बढ़ती घटनाएं अत्यंत दुखद है. केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, शैक्षणिक संस्थानों में विभिन्न हितधारकों आदि से इस समस्या के समाधान की दिशा में जल्द कदम उठाए.

लगातार सामने आ रहे मामले: परिषद की तरफ से कहा गया कि आठ महीने में अकेले कोटा शहर में ही 23 छात्रों द्वारा आत्महत्या किए जाने की घटनाएं सामने आई हैं. कई महीनों से केंद्रीय विद्यालयों, आईआईटी आदि संस्थानों में पढ़ाई के दबाव व अन्य कारणों से छात्रों द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे. इससे पहले अभाविप की मई, 2023 में पुणे में सम्पन्न हुई राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद में इस समस्या को प्रमुखता से उठाते हुए शैक्षणिक परिसरों को तनावमुक्त बनाने और जीवंत शिक्षा केंद्र के रूप में विकसित करने का आह्वान किया गया था.

हर छात्र की अपनी विशेषता है: साथ ही इस दौरान 'आनंदमय सार्थक छात्र जीवन के केंद्र में बने परिसर' शीर्षक वाले प्रस्ताव को पारित कर मांग की गई थी कि विद्यार्थियों के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए कदम उठाए जाएं. अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि इस तरह की आत्महत्या के मामले में बढ़ोतरी अत्यंत चिंताजनक व दुर्भाग्यपूर्ण है. छात्रों पर विभिन्न मानसिक दबावों के कारणों की पहचान कर उचित कदम उठाने होंगे. अभिभावकों को यह बात समझनी होगी कि हर विद्यार्थी की अपनी विशेषता है.

यह भी पढ़ें-IIT Student Suicide Case: IIT Delhi के छात्र ने की खुदकुशी, कुछ विषय को पूरा नहीं कर पाया था

शुरू किया अभियान: उन्होंने कहा कि अभाविप यह मांग करती है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं. साथ ही शिक्षा क्षेत्र के अन्य हितधारकों को इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए आगे आना होगा. अभाविप 'आनंदमय सार्थक छात्र जीवन अभियान' शुरू करने जा रही है, जिससे छात्रों के मानसिक तनाव को कम करने व परिसरों को तनावमुक्त बनाने के विषय को प्रमुखता से उठाया जाएगा.

यह भी पढ़ें-Ghaziabad Suicide Case: लड़की की दर्दनाक मौत का सच!, सामने आया आखिरी वीडियो

नई दिल्ली: आईआईटी दिल्ली में शुक्रवार को एक छात्र के खुदकुशी करने के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने कहा है कि हम इससे बहुत व्यथित हैं. दो महीने के भीतर आईआईटी दिल्ली में यह छात्र द्वारा आत्महत्या किए जाने का दूसरा मामला है. परिषद की तरफ से कहा गया कि देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ने वाले व शहरों में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों की आत्महत्या की बढ़ती घटनाएं अत्यंत दुखद है. केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, शैक्षणिक संस्थानों में विभिन्न हितधारकों आदि से इस समस्या के समाधान की दिशा में जल्द कदम उठाए.

लगातार सामने आ रहे मामले: परिषद की तरफ से कहा गया कि आठ महीने में अकेले कोटा शहर में ही 23 छात्रों द्वारा आत्महत्या किए जाने की घटनाएं सामने आई हैं. कई महीनों से केंद्रीय विद्यालयों, आईआईटी आदि संस्थानों में पढ़ाई के दबाव व अन्य कारणों से छात्रों द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे. इससे पहले अभाविप की मई, 2023 में पुणे में सम्पन्न हुई राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद में इस समस्या को प्रमुखता से उठाते हुए शैक्षणिक परिसरों को तनावमुक्त बनाने और जीवंत शिक्षा केंद्र के रूप में विकसित करने का आह्वान किया गया था.

हर छात्र की अपनी विशेषता है: साथ ही इस दौरान 'आनंदमय सार्थक छात्र जीवन के केंद्र में बने परिसर' शीर्षक वाले प्रस्ताव को पारित कर मांग की गई थी कि विद्यार्थियों के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए कदम उठाए जाएं. अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि इस तरह की आत्महत्या के मामले में बढ़ोतरी अत्यंत चिंताजनक व दुर्भाग्यपूर्ण है. छात्रों पर विभिन्न मानसिक दबावों के कारणों की पहचान कर उचित कदम उठाने होंगे. अभिभावकों को यह बात समझनी होगी कि हर विद्यार्थी की अपनी विशेषता है.

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शुरू किया अभियान: उन्होंने कहा कि अभाविप यह मांग करती है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं. साथ ही शिक्षा क्षेत्र के अन्य हितधारकों को इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए आगे आना होगा. अभाविप 'आनंदमय सार्थक छात्र जीवन अभियान' शुरू करने जा रही है, जिससे छात्रों के मानसिक तनाव को कम करने व परिसरों को तनावमुक्त बनाने के विषय को प्रमुखता से उठाया जाएगा.

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