नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी में छात्र संघ का चुनाव 22 सितंबर होनी है. इसी कड़ी में बुधवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने डीयू के नॉर्थ और साउथ कैंपस में एक साथ छात्र गर्जना रैली आयोजित की. रैली में सैकड़ों की संख्या में छात्र शामिल हुए. इस दौरान छात्रों ने विश्वविद्यालय में बेहतर अवसंरचना विकास और छात्रों की विभिन्न समस्याओं पर विश्वविद्यालय प्रशासन से शीघ्र निवारण हेतु कदम उठाए जाने की मांग की.
एबीवीपी दिल्ली प्रांत की छात्रा प्रमुख शिवांगी खरवाल ने कहा कि अभाविप दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रा संबंधित समस्याओं के शीघ्र निवारण हेतु मांग करती है. आज विश्वविद्यालय में छात्रावासों की अनुपलब्धता के चलते छात्राओं को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. परिसर में सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन की कमी है. विभिन्न मूलभूत सुविधाओं की कमी के चलते महिलाओं की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को जल्द कड़े कदम उठाने होंगे. उन्होंने कहा कि अभाविप शैक्षिक परिवेश को सकारात्मक बनाने के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहती है. इस वर्ष के चुनाव में भी आम छात्र के मुद्दों को मुखरता से रखा जाएगा.
एबीवीपी दिल्ली प्रांत के प्रांत मंत्री हर्ष अत्री ने कहा कि," दिल्ली विश्वविद्यालय देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों में से एक है, जिसने समय-समय वैश्विक फलक पर भारत की कीर्ति बढ़ाने का कार्य किया है. इसके बावजूद आज अवसंरचनात्मक विकास में विश्वविद्यालय काफी पीछे है. विषयों के लिए अलग-अलग शुल्क लगते हैं, एक पाठ्यक्रम-एक शुल्क व्यवस्था को लागू करने की जरूरत है.
एबीवीपी की ये मांग: छात्र गर्जना रैली के माध्यम से विद्यार्थी परिषद ने विश्वविद्यालय परिसर के चारों ओर छात्रों के लिए विशेष बस सेवा, दिल्ली मेट्रो में रियायती पास, पूरक परीक्षाओं के आयोजन, स्नातकोत्तर छात्रों के लिए एक पाठ्यक्रम-एक शुल्क, विश्वविद्यालय के सभी महाविद्यालय परिसरों में प्लेसमेंट सेल की स्थापना तथा क्रियान्वयन, परिसर में स्त्री रोग विशेषज्ञ तथा मनोचिकित्सक की नियुक्ति, सभी महाविद्यालयों में एनसीसी की सुविधा, नए छात्रावासों का निर्माण, खिलाड़ियों के लिए संतुलित व नियोजित आहार, जर्जर स्थिति में पड़ी सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन की मरम्मत, सभी महाविद्यालयों में महिला छात्रावासों की स्थापना, कॉलेज कैंटीन में भोजन की गुणवत्ता के सुधार एवं छात्रावासों के आवंटन हेतु केंद्रीकृत व्यवस्था का कार्यान्वयन आदि व्यवस्थाओं को उपलब्ध कराने की मांग की.
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