नई दिल्ली: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. एक तरफ जहां भाजपा इस अवसर को उत्सव के रूप में मना रही है. वहीं विपक्ष इस पर लगातार सवाल कर रहा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा है. उन्होंने एक ट्वीट कर कहा कि राममंदिर के शिलान्यास पर प्रधानमंत्री मोदी ने तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी को नहीं बुलाया था. नए संसद भवन के शिलान्यास पर भी प्रधानमंत्री ने रामनाथ कोविंद जी को नहीं बुलाया. प्रधानमंत्री अब नये संसद भवन के उद्घाटन को भी मौजूदा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों से नहीं करवा रहे. उन्होंने कहा कि देशभर का SC और ST समाज पूछ रहा है कि क्या हमें अशुभ माना जाता है, इसलिए नहीं बुलाते?
-
प्रभु श्री राममंदिर के शिलान्यास पर मोदी जी ने तत्कालीन राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी को नहीं बुलाया
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
नये संसद भवन के शिलान्यास पर भी मोदी जी ने श्री रामनाथ कोविंद जी को नहीं बुलाया
अब नये संसद भवन के उद्घाटन को भी मौजूदा राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुरमू के हाथों से नहीं करवा…
">प्रभु श्री राममंदिर के शिलान्यास पर मोदी जी ने तत्कालीन राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी को नहीं बुलाया
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 25, 2023
नये संसद भवन के शिलान्यास पर भी मोदी जी ने श्री रामनाथ कोविंद जी को नहीं बुलाया
अब नये संसद भवन के उद्घाटन को भी मौजूदा राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुरमू के हाथों से नहीं करवा…प्रभु श्री राममंदिर के शिलान्यास पर मोदी जी ने तत्कालीन राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी को नहीं बुलाया
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 25, 2023
नये संसद भवन के शिलान्यास पर भी मोदी जी ने श्री रामनाथ कोविंद जी को नहीं बुलाया
अब नये संसद भवन के उद्घाटन को भी मौजूदा राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुरमू के हाथों से नहीं करवा…
सौरभ भारद्वाज ने भी की प्रधानमंत्री की आलोचना: आम आदमी पार्टी के दिल्ली से विधायक और सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि नए संसद भवन के उद्घाटन में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को क्यों नहीं बुलाया जा रहा है. देश के नए संसद भवन का उद्घाटन है, पूरे राष्ट्र के लिए उत्सव जैसा समय है. भाजपा वाले 100 तर्क दे रहे हैं, लेकिन राष्ट्रपति को नहीं बुला रहे.
संसद भवन के शिलान्यास के समय भी राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद जो दलित समाज से आते है, उनको नहीं बुलाया था. जिस तरह से भाजपा देश की राष्ट्रपति को एक यज्ञ से, एक शुभारंभ से दूर रख रही है, ये वही रूढ़ीवादी मानसिकता है जिसमें दलित समाज के लोगों को पूजा पाठ से दूर रखा जाता था. इस कृत्य ने भाजपा का दलित विरोधी चेहरा उजागर किया है.
इसे भी पढ़ें: Wrestlers Protest: साक्षी, विनेश और बजरंग पूनिया पर FIR के लिए याचिका, कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से मांगी रिपोर्ट
उन्होंने सवाल किया कि क्या भाजपा राष्ट्रपति को नए संसद के उद्घाटन में इसलिए नहीं बुलाना चाहती क्योंकि वो एक अनुसूचित जाति से आती हैं? क्या केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को शिलान्यास के समय इसलिए नहीं बुलाया था, क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि एक शुभ कार्य में एक दलित राष्ट्रपति आए?
इसे भी पढ़ें: Delhi Riots 2020: दिल्ली दंगे के मुख्य गवाह ASI दीपक दहिया ने की शाहरूख की कोर्ट में पहचान