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हरियाणा-महाराष्ट्र चुनाव: ETV Bharat के चुनावी सवाल पर कन्नी काट गए केजरीवाल

हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आ चुके हैं. इन दोनों ही राज्यों में आम आदमी पार्टी फिसड्डी साबित हुई है. इस मामले पर जब सीएम केजरीवाल से सवाल किया गया तो वो कन्नी काटते नजर आए.

चुनाव के सवालों से बच निकले सीएम केजरीवाल
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Published : Oct 24, 2019, 11:02 PM IST

Updated : Oct 24, 2019, 11:19 PM IST

नई दिल्ली: गुरुवार को हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आए और इन परिणामों में आम आदमी पार्टी फिसड्डी साबित होती दिखी. दोनों ही राज्यों में आम आदमी पार्टी को नोटा से भी कम वोट मिले.

चुनाव के सवालों से बच निकले सीएम केजरीवाल
शुरुआती रुझान से ही आम आदमी पार्टी दोनों राज्यों के चुनाव परिणामों में फिसड्डी रही और यह अंतिम परिणाम तक दिखा. हरियाणा में आम आदमी पार्टी को मात्र 0.48 प्रतिशत वोट ही मिल सकें. वहीं महाराष्ट्र में पार्टी सिर्फ 0.11 प्रतिशत वोट पा सकी.

अरविंद केजरीवाल ने नहीं दिया कोई जवाब
इन परिणामों को लेकर जब ईटीवी भारत ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से सवाल किया तो केजरीवाल सवालों से बच निकले. अरविंद केजरीवाल एक अस्पताल के कार्यक्रम में पहुंचे थे, जहां चुनाव परिणामों में आम आदमी पार्टी की स्थिति को लेकर ईटीवी भारत ने सवाल किया था. इसपर अरविंद केजरीवाल ने कोई जवाब नहीं दिया और यह कहते हुए बढ़ गए कि अभी सिर्फ हॉस्पिटल के ऊपर बात करेंगे.

कई उम्मीदवारों की जमानत जब्त
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने हरियाणा की 90 में से 46 और महाराष्ट्र की 24 सीटों पर चुनाव लड़ा था. यानी दोनों राज्यों को मिलाकर आम आदमी पार्टी ने 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन इनमें से किसी भी सीट पर आम आदमी पार्टी कमाल नहीं दिखा सकीं. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, ज्यादातर सीटों पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को 1000 से कम वोट मिले हैं और इनमें से करीब सभी पर इनके उम्मीदवार की जमानत जब्त होती दिख रही है.

दोनों ही राज्यों में आम आदमी पार्टी नोटा से भी कम वोट पा सकी है. हरियाणा में नोटा को 0.53% वोट मिला है, जबकि आम आदमी पार्टी मात्र 0.48% वोट पा सकी है. वहीं महाराष्ट्र की बात करें तो यहां आम आदमी पार्टी को मात्र 0.11% वोट ही मिले हैं, जबकि 1.37 प्रतिशत लोगों ने नोटा का बटन दबाया है.

'एक करोड़ रुपये देती सरकार'
आम आदमी पार्टी ने हरियाणा के लिए अपना बेहद लुभावना मेनिफेस्टो बनाया था. इसमें हरियाणा के लोगों की सेना में संख्या को देखते हुए एक महत्वपूर्ण घोषणा थी कि अगर पार्टी सत्ता में आती है, तो किसी भी सैनिक की शहादत पर एक करोड़ रुपये देगी.

साथ ही किसानों के लिए स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू करने का वादा किया गया था. वहीं एक महत्वपूर्ण वादा ड्रग मुक्त हरियाणा बनाने का भी था. महाराष्ट्र को लेकर भी आम आदमी पार्टी के मेनिफेस्ट में कई वादे थे और दावा था कि महाराष्ट्र को इसकी 'फेल्ड स्टेट' वाली पहचान से बाहर निकालकर सशक्त राज्य बनाएंगे.

इन्हें मिले सबसे ज्यादा वोट
गौर करने वाली बात यह भी है कि आम आदमी पार्टी की हरियाणा इकाई ने चुनाव तो लड़ा था, लेकिन इसमें पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की कोई भूमिका नहीं दिखी. न तो अरविंद केजरीवाल ने अपने उम्मीदवारों के समर्थन में कोई रैली या जनसभा की और ना ही पार्टी के किसी अन्य बड़े नेता ने कोई कैम्पेन किया. हालांकि अरविंद केजरीवाल ने महाराष्ट्र की एक उम्मीदवार परोमिता गोस्वामी के समर्थन में एक रैली जरूर की. बता दें कि परोमिता को 3,555 वोट मिले हैं और यह इस चुनाव परिणाम में किसी भी 'आप' उम्मीदवार को मिले वोटों में सबसे अधिक है.

नई दिल्ली: गुरुवार को हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आए और इन परिणामों में आम आदमी पार्टी फिसड्डी साबित होती दिखी. दोनों ही राज्यों में आम आदमी पार्टी को नोटा से भी कम वोट मिले.

चुनाव के सवालों से बच निकले सीएम केजरीवाल
शुरुआती रुझान से ही आम आदमी पार्टी दोनों राज्यों के चुनाव परिणामों में फिसड्डी रही और यह अंतिम परिणाम तक दिखा. हरियाणा में आम आदमी पार्टी को मात्र 0.48 प्रतिशत वोट ही मिल सकें. वहीं महाराष्ट्र में पार्टी सिर्फ 0.11 प्रतिशत वोट पा सकी.

अरविंद केजरीवाल ने नहीं दिया कोई जवाब
इन परिणामों को लेकर जब ईटीवी भारत ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से सवाल किया तो केजरीवाल सवालों से बच निकले. अरविंद केजरीवाल एक अस्पताल के कार्यक्रम में पहुंचे थे, जहां चुनाव परिणामों में आम आदमी पार्टी की स्थिति को लेकर ईटीवी भारत ने सवाल किया था. इसपर अरविंद केजरीवाल ने कोई जवाब नहीं दिया और यह कहते हुए बढ़ गए कि अभी सिर्फ हॉस्पिटल के ऊपर बात करेंगे.

कई उम्मीदवारों की जमानत जब्त
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने हरियाणा की 90 में से 46 और महाराष्ट्र की 24 सीटों पर चुनाव लड़ा था. यानी दोनों राज्यों को मिलाकर आम आदमी पार्टी ने 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन इनमें से किसी भी सीट पर आम आदमी पार्टी कमाल नहीं दिखा सकीं. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, ज्यादातर सीटों पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को 1000 से कम वोट मिले हैं और इनमें से करीब सभी पर इनके उम्मीदवार की जमानत जब्त होती दिख रही है.

दोनों ही राज्यों में आम आदमी पार्टी नोटा से भी कम वोट पा सकी है. हरियाणा में नोटा को 0.53% वोट मिला है, जबकि आम आदमी पार्टी मात्र 0.48% वोट पा सकी है. वहीं महाराष्ट्र की बात करें तो यहां आम आदमी पार्टी को मात्र 0.11% वोट ही मिले हैं, जबकि 1.37 प्रतिशत लोगों ने नोटा का बटन दबाया है.

'एक करोड़ रुपये देती सरकार'
आम आदमी पार्टी ने हरियाणा के लिए अपना बेहद लुभावना मेनिफेस्टो बनाया था. इसमें हरियाणा के लोगों की सेना में संख्या को देखते हुए एक महत्वपूर्ण घोषणा थी कि अगर पार्टी सत्ता में आती है, तो किसी भी सैनिक की शहादत पर एक करोड़ रुपये देगी.

साथ ही किसानों के लिए स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू करने का वादा किया गया था. वहीं एक महत्वपूर्ण वादा ड्रग मुक्त हरियाणा बनाने का भी था. महाराष्ट्र को लेकर भी आम आदमी पार्टी के मेनिफेस्ट में कई वादे थे और दावा था कि महाराष्ट्र को इसकी 'फेल्ड स्टेट' वाली पहचान से बाहर निकालकर सशक्त राज्य बनाएंगे.

इन्हें मिले सबसे ज्यादा वोट
गौर करने वाली बात यह भी है कि आम आदमी पार्टी की हरियाणा इकाई ने चुनाव तो लड़ा था, लेकिन इसमें पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की कोई भूमिका नहीं दिखी. न तो अरविंद केजरीवाल ने अपने उम्मीदवारों के समर्थन में कोई रैली या जनसभा की और ना ही पार्टी के किसी अन्य बड़े नेता ने कोई कैम्पेन किया. हालांकि अरविंद केजरीवाल ने महाराष्ट्र की एक उम्मीदवार परोमिता गोस्वामी के समर्थन में एक रैली जरूर की. बता दें कि परोमिता को 3,555 वोट मिले हैं और यह इस चुनाव परिणाम में किसी भी 'आप' उम्मीदवार को मिले वोटों में सबसे अधिक है.

Intro:गुरुवार को हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आए और इन परिणामों में आम आदमी पार्टी फिसड्डी साबित होती दिखी. दोनों ही राज्यों में आम आदमी पार्टी को नोटा से भी कम वोट मिले.


Body:नई दिल्ली: शुरूआती रुझान से ही आम आदमी पार्टी दोनों राज्यों के चुनाव परिणामों में फिसड्डी रही और यह अंतिम परिणाम तक दिखा. हरियाणा में आम आदमी पार्टी को मात्र 0.48 प्रतिशत वोट ही मिल सके, वहीं महाराष्ट्र में पार्टी सिर्फ 0.11 प्रतिशत वोट पा सकी.

इन परिणामों को लेकर जब ईटीवी भारत ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से सवाल किया, तो केजरीवाल सवालों से बच निकले. अरविंद केजरीवाल एक अस्पताल के कार्यक्रम में पहुंचे थे, जहां चुनाव परिणामों में आम आदमी पार्टी की स्थिति को लेकर ईटीवी भारत ने सवाल किया था. इसपर अरविंद केजरीवाल ने कोई जवाब नहीं दिया और यह कहते हुए बढ़ गए कि अभी सिर्फ हॉस्पिटल के ऊपर बात करेंगे.

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने हरियाणा की 90 में से 46 और महाराष्ट्र की 24 सीटों पर चुनाव लड़ा था. यानी दोनों राज्यों को मिलाकर आम आदमी पार्टी ने 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन इनमें से किसी भी सीट पर आम आदमी पार्टी कमाल नहीं दिखा सकी. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, ज्यादातर सीटों पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को 1000 से कम वोट मिले हैं और इनमें से करीब सभी पर इनके उम्मीदवार की जमानत जब्त होती दिख रही है.

दोनों ही राज्यों में आम आदमी पार्टी नोटा से भी कम वोट पा सकी है. हरियाणा में नोटा को 0.53% वोट मिला है, जबकि आम आदमी पार्टी मात्र 0.48% वोट पा सकी है. वहीं महाराष्ट्र की बात करें तो यहां आम आदमी पार्टी को मात्र 0.11% वोट ही मिले हैं, जबकि 1.37 प्रतिशत लोगों ने नोटा का बटन दबाया है.

आम आदमी पार्टी ने हरियाणा के लिए अपना बेहद लुभावना मेनिफेस्टो बनाया था. इसमें हरियाणा के लोगों की सेना में संख्या को देखते हुए एक महत्वपूर्ण घोषणा थी कि अगर पार्टी सत्ता में आती है, तो किसी भी सैनिक की शहादत पर एक करोड़ रुपए देगी. साथ ही किसानों के लिए स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू करने का वादा किया गया था. वहीं एक महत्वपूर्ण वादा ड्रग मुक्त हरियाणा बनाने का भी था. महाराष्ट्र को लेकर भी आम आदमी पार्टी के मेनिफेस्ट में कई वादे थे और दावा था कि महाराष्ट्र को इसकी 'फेल्ड स्टेट' वाली पहचान से बाहर निकालकर सशक्त राज्य बनाएंगे.


Conclusion:गौर करने वाली बात यह भी है कि आम आदमी पार्टी की हरियाणा इकाई ने चुनाव तो लड़ा था, लेकिन इसमें पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की कोई भूमिका नहीं दिखी. न तो अरविंद केजरीवाल ने अपने उम्मीदवारों के समर्थन में कोई रैली या जनसभा की और ना ही पार्टी के किसी अन्य बड़े नेता ने कोई कैम्पेन किया. हालांकि अरविंद केजरीवाल ने महाराष्ट्र की एक उम्मीदवार परोमिता गोस्वामी के समर्थन में एक रैली जरूर की. बता दें कि परोमिता को 3,555 वोट मिले हैं और यह इस चुनाव परिणाम में किसी भी 'आप' उम्मीदवार को मिले वोटों में सबसे अधिक है.
Last Updated : Oct 24, 2019, 11:19 PM IST
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