नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के 6 विधायकों, तीनों निगमों के नेता विपक्ष और कई निगम पार्षदों को आज दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया. हालांकि इन सभी को बाद में छोड़ दिया गया. इनमें से आतिशी को उपराज्यपाल के आवास के सामने से पुलिस ने हिरासत में लिया. वे उपराज्यपाल से मिलना चाहती थीं.
वहीं राघव चड्ढा, कुलदीप कुमार, संजीव झा, ऋतुराज गोविंद और राजेश गुप्ता भी अलग-अलग जगहों से हिरासत में लिए गए. पुलिस हिरासत से आने के बाद आतिशी, राघव चड्ढा और कुलदीप कुमार ने पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इन्होंने कहा कि गृह मंत्री और उपराज्यपाल का हमसे न मिलना दिखाता है कि इस घोटाले के तार ऊपर तक गए हैं.
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'दोषियों को बचाने का आरोप'
गौरतलब है कि ये सभी नेता निगम द्वारा करीब ढाई हजार करोड़ के किराया माफी मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं. आतिशी ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि उपराज्यपाल और गृह मंत्री हमसे मिलते, लेकिन उन्होंने हमें हिरासत में ले लिया. उन्होंने कहा कि अब यह स्पष्ट है कि गृह मंत्री कर्मचारियों के तनख्वाह के पैसे में किए गए घोटाले के दोषियों को बचा रहे हैं.
'कर रहे थे धारा-144 का पालन'
राघव चड्ढा ने सीधे दिल्ली पुलिस को निशाने पर लिया और सीएम आवास पर निगम नेताओं द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के आवास पर प्रदर्शन की इजाजत है, लेकिन उपराज्यपाल और गृह मंत्री के आवास पर नहीं. क्या दिल्ली पुलिस राजधानी में दो कानून चला रही है. उन्होंने यह भी कहा कि धारा 144 का पालन करते हुए बस हम चार विधायक गृह मंत्री से मिलना चाहते थे, लेकिन फिर भी हमें हिरासत में ले लिया गया.
'भाजपा के लिए कोई पाबंदी नहीं'
राघव ने कहा कि एक कहावत है कि सांच को आंच नहीं, लेकिन भाजपा ने उसे बदलकर कर दिया है, घोटाले की जांच नहीं. पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने भी इस मामले में दिल्ली पुलिस और गृह मंत्री को निशाने पर लिया और कहा कि किसानों और आम आदमी पार्टी के नेताओं के लिए दिल्ली में धारा-144 है, लेकिन भाजपा नेताओं के लिए कोई पाबंदी नहीं है.