नई दिल्ली: बीते दिन जहांगीर पुरी के अंदर नगर निगम के द्वारा अवैध अतिक्रमण के खिलाफ बुलडोजर चलाकर की कार्रवाई के बाद पूरे मामले ने तूल पकड़ लिया है. इस बीच गुरुवार सुबह हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा अवैध अतिक्रमण के खिलाफ निगम द्वारा की गई कार्रवाई के ऊपर अगले दो हफ्तों के लिए रोक लगा दी गई है. वहीं दूसरी तरफ गुरुवार सुबह से ही जहांगीरपुरी क्षेत्र में राजनेताओं का तांता लगा हुआ है.
गुरुवार सुबह 11 बजे कांग्रेस के 15 सदस्यों का बड़ा डेलिगेशन जहांगीरपुरी हिंसा ग्रस्त इलाके में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ की गई कार्रवाई के बाद पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचा था. जिन्हें दिल्ली पुलिस ने बिना बिना पीड़ित परिवारों से मिले ही वापस लौटा दिया, जिससे इस पूरे मामले पर कांग्रेस की बड़ी फजीहत भी हुई. वहीं दूसरी तरफ दोपहर तकरीबन 3:00 बजे आम आदमी पार्टी के भी पांच सदस्यीय डेलिगेशन ने जहांगीरपुरी के हिंसा ग्रस्त इलाके का रुख किया. जहां उन्होंने भी पीड़ित परिवारों से दिल्ली की कोशिश करी लेकर दिल्ली पुलिस ने उन्हें भी फिलहाल हिंसा ग्रस्त इलाके में जाने की अनुमति नहीं दी.
आप डेलिगेशन का नेतृत्व कर रहे आदर्श नगर के विधायक पवन कुमार शर्मा को उनके समर्थकों के साथ जहांगीरपुरी के हिंसा ग्रस्त इलाके के अंदर आने से पहले ही दिल्ली पुलिस के द्वारा प्रमुख रास्ते पर रोक दिया गया था. इसके बाद बातचीत और लंबी चर्चा के बाद वह पांच लोगों को ही आम आदमी पार्टी से उन्हें हिंसा ग्रस्त इलाके तक जाने की अनुमति दी गई. जहांगीरपुरी के हालातों पर बात करते हुए आप विधायक पवन शर्मा ने आगे कहा कि हम आम आदमी पार्टी के विधायक हैं, लगातार हम लोगों से जहांगीरपुरी के क्षेत्र में घूमते रहते हैं, बल्कि जनता के संपर्क में भी रहते हैं. हम लोग किसी भी रास्ते से अंदर जा सकते हैं. हम जनता के बीच में ही रहते हैं. दिल्ली पुलिस अपना काम कर रही है. हमारा काम है लोगों में संदेश देना की शांति और सद्भाव बनाए रखें. हमारा मानना है कि जहांगीरपुरी के क्षेत्र में कोई भी अवैध अतिक्रमण है तो उसे हटाया जाना चाहिए, लेकिन तरीके से नियम और कानून का पालन करते हुए सारी कार्रवाई होनी चाहिए. जायज और नाजायज को देख कर अतिक्रमण हटाया जाना चाहिए. अतिक्रमण करना गलत है और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए यह हमारा भी मानना है.
आदर्श नगर से विधायक पवन शर्मा ने आगे अपनी बात रखते हुए कहा कि जहांगीरपुरी के क्षेत्र में जो अवैध अतिक्रमण हुआ है. यह पिछले 15 साल में नगर निगम में शासित बीजेपी की सरकार के कार्यकाल में हुआ है, जो लगातार हो रहा है. आखिर क्यों बीजेपी की सरकार ने अवैध अतिक्रमण करवाया या होने दिया और अब जब हटाने की बारी आई तो एकदम से युद्ध स्तर पर अवैध अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई जल्दबाजी में कई गयी. कार्रवाई किए जाने के समय कम से कम यह तो देखा जाना चाहिए था कि कौन लीगल है और कौन गैर कानूनी है. उदाहरण के तौर पर जूस की दुकान के मालिक आज सभी चैनलों पर उनकी दुकान का जो डेमोलेशन उनका हुआ है, उसको लेकर अपनी पीड़ा बायां करते हुए नजर आ रहे हैं. 1977 में उन्हें यह दुकान डीडीए के द्वारा अलॉट की गई थी. लेकिन पूरी दुकान को डेमोलेशन करते वक्त उन से न तो बात की गई और न ही उनके कागज चेक किए गए.
वहीं पीड़ित परिवारों की सहायता और उनके लिए कोई मुआवजा राशि जारी किए जाने का सवाल पूछे जाने पर आदर्श नगर के विधायक पवन शर्मा ने कहा कि इसके ऊपर फैसला दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पार्टी हाईकमान को लेना है. अवैध अतिक्रमण को हटाने की जिम्मेदारी नगर निगम और दिल्ली पुलिस की है. अगर किसी भी तरह का अवैध अतिक्रमण हुआ है इसकी जिम्मेदारी भी नगर निगम में बीजेपी सरकार की है. जहांगीर पुरी में अवैध अतिक्रमण कर निर्माण कार्य भाजपा के पार्षद और नेताओं की सहमति से हुआ है.
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