नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट में AAP सांसद संजय सिंह की जमानत याचिका पर मंगलवार 17 अक्टूबर को सुनवाई हुई. संजय ने कोर्ट से कहा कि सत्ता का दुरुपयोग करके मुझे गिरफ्तारी किया गया है. मनी लॉन्ड्रिंग कानून उत्पीड़न का साधन नहीं बन सकता. उन्होंने कहा कि ED ने मामले में मुझे एक भी समन जारी नहीं किया. 4 अक्टूबर को मेरे घर पहुंची और तलाशी लेकर अचानक गिरफ्तार कर लिया.
सिंह के अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने दलील दी कि उनके मुवक्किल की गिरफ्तारी अवैध, दुभार्वना से प्रेरित तथा सत्ता के दुरूपयोग का उदाहरण है. इसलिए ईडी की हिरासत में भेजने के निचली अदालत के आदेश को दरकिनार किया जाना चाहिए. चौधरी ने आगे कहा धनशोधन रोकथाम अधिनियम उत्पीड़न का औजार नहीं हो सकता है. अगर ऐसी छूट दी जाती है तो कोई सुरक्षित नहीं है. यह सत्ता के दुरुपयोग का साफ उदाहरण है.
4 अक्टूबर को संजय सिंह को गिरफ्तार किया गया था
ED ने दिल्ली शराब नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में 4 अक्टूबर को कई घंटे की छापेमारी के बाद संजय सिंह को गिरफ्तार किया था. 5 अक्टूबर को उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया था. जहां से कोर्ट ने उन्हें 10 अक्टूबर तक की रिमांड पर भेज दिया था. बाद में तीन दिन और रिमांड बढ़ा दी गई. 13 अक्टूबर को रिमाड खत्म होने के बाद कोर्ट ने संजय सिंह को 14 दिन की न्याययिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया था. फिलहाल वह तिहाड़ जेल में बंद हैं.
ED का कहना है कि संजय के खिलाफ घूस मांगने के सबूत
जांच एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि संजय सिंह के खिलाफ घूस मांगने के सबूत मिले हैं. वे हिरासत में सवालों का सही जवाब नहीं दे रहे. जांच में भी सहयोग नहीं कर रहे हैं. जब उनसे फोन के डेटा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने सीधा जवाब नहीं दिया. अब मामले में अगली सुनवाई 19 अक्टूबर को होगी.