नई दिल्ली: जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में 10 वर्ष की सजा भुगत रहे ओमप्रकाश चौटाला को 16 जनवरी 2013 में घोटाले का दोषी करार दिया गया था. तब से वह जेल में हैं. उनकी उम्र और खराब स्वास्थ्य को देखते हुए उनकी रिहाई के फैसला लिया जा सकता है. इस संबंध में केजरीवाल सरकार वरिष्ठ अधिवक्ताओं से रायशुमारी कर रही है. बता दें कि चौटाला की रिहाई पर दिल्ली सरकार का सकारात्मक रुख राजनीतिक हाशिये पर आ चुके इनेलो के लिए संजीवनी बूटी का काम कर सकता है.
रिहाई का यह हो सकता है आधार
केंद्र सरकार की 18 जुलाई 2018 की अधिसूचना के अनुसार 70 फीसद दिव्यांग और 60 साल से अधिक उम्र के पुरुष कैदी यदि आधी से अधिक सजा काट चुके हैं तो राज्य सरकार उन्हें जेल से रिहा करने पर विचार कर सकती है. 1 जनवरी 2019 को ओम प्रकाश चौटाला 84 साल के हो चुके हैं इसी अधिसूचना को आधार बनाकर उन्होंने अपनी रिहाई की अपील की थी.
बचपन से पोलियोग्रस्त हैं चौटाला
बचपन से ही पोलियो ग्रस्त ओम प्रकाश चौटाला ने याचिका में बताया है कि वह अप्रैल 2013 में 60 फीसद दिव्यांग थे और जून 2013 को पेसमेकर लगने के बाद 70 फीसद दिव्यांग हैं. अपनी रिहाई को लेकर ओम प्रकाश चौटाला ने दिल्ली हाइकोर्ट में 20 फरवरी को याचिका दायर की थी. जिस पर कोर्ट ने दिल्ली सरकार को 4 सप्ताह के अंदर रिहाई पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था. दिल्ली सरकार के सूत्रों का कहना है कि कोर्ट के निर्देशों और केंद्र की अधिसूचना के आधार पर वह है विचार कर रही है कि उम्र दराज बीमार और अपनी आधी से ज्यादा सजा काट चुके कैदियों के मामले को संवेदनशीलता से देखा जाए.