नई दिल्ली: दो हफ्ते पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डेंगू मुक्त दिल्ली बनाने के लिए 10 हफ्ते 10 बजे 10 मिनट कार्यक्रम की घोषणा की थी. तब इसे एक सरकारी फैसले के रूप में देखा जा रहा था. इसका प्रारूप भी पूरी तरह से सरकारी था. लेकिन, 2 हफ्ते बाद इसकी पहचान सियासी भी हो चुकी है.
बता दें कि 10 हफ्ते के लिए शुरू हुआ यह अभियान तीसरे हफ्ते पूरी तरह से सियासी रंग में रंगा नजर आया. न सिर्फ अरविंद केजरीवाल, बल्कि आम आदमी पार्टी से जुड़े तमाम मंत्री, विधायक, पार्षद और कार्यकर्ता तक भी इस अभियान को सफल बनाने के लिए जमीनी स्तर पर कदमताल करते दिखें.
खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी विधानसभा सहित तीन विधानसभाओं का दौरा किया और इस अभियान को सफल बनाने के लिए लोगों से सीधे तौर पर रूबरू हुए. उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी अपनी विधानसभा पहुंचे, वहीं तमाम मंत्री भी अलग-अलग लोगों से मिलकर डेंगू मुक्त दिल्ली के इस मुहिम को सफल बनाने के लिए प्रयास करते दिखे.
200 कार्यक्रम आयोजित किए गए
बता दें कि आम आदमी पार्टी के विभिन्न विधायकों, पार्षदों और नेताओं ने पूरी दिल्ली में इससे जुड़े करीब 200 कार्यक्रम आयोजित किए, जिनमें जगह-जगह स्थनीय लोगों को इकट्ठा कर उन्हें इस अभियान की अहमियत से अवगत कराया गया. साथ ही इसको सफल बनाने की अपील भी की गई.
सोशल मीडिया पर भी प्रयास
वहीं सोशल मीडिया पर भी यह प्रयास कम नहीं रहा. मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री तमाम मंत्रियों से लेकर पार्टी के तमाम विधायकों और पार्षदों ने भी सोशल मीडिया पर भी इससे जुड़े जनसम्पर्क की तस्वीरें साझा की.
गौरतलब है कि डेंगू के मरीजों की कम होती संख्या को लेकर बीते हफ्ते आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला. एक तरफ आम आदमी पार्टी दिल्ली में इसे लेकर अपनी पीठ थपथपाती रही कि उसकी सरकार के प्रयासों से डेंगू के मरीजों की संख्या कम हो रही है.
वहीं भाजपा शासित दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने ऐसे आंकड़े पेश किए है, जो आम आदमी पार्टी सरकार के दावों पर सवाल खड़े करते दिखे. हालांकि आम आदमी पार्टी ने इसे पूरी तरह से सियासी आरोप बताया. अब जबकि आम आदमी पार्टी इस मुहिम का श्रेय ले रही है और आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भी इसे भुनाने की पूरी कोशिश जारी है, ऐसे में देखने वाली बात होगी कि भाजपा इस पर किस रुख के साथ सामने आती है.