नई दिल्ली: बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया कि अब आलम ये है कि दिल्ली की अलग-अलग जगहों पर अब ऐसे लोगों को रेहड़ी पटरी पर स्थापित किया जा रहा है, जिनका वहां पुराना कोई वजूद नहीं है. पिछले दिनों हुई साउथ एमसीडी स्थाई समिति की बैठक में स्टैंडिंग कमेटी कि डिप्टी चेयरपर्सन तुलसी जोशी ने ये मामला उठाया था.
उनके मुताबिक सर्वे करने वाले लोग ऐसे लोगों को स्थापित कर रहे हैं जो आसपास के 20 किलोमीटर तक भी कहीं कोई काम नहीं करते थे. यहां तक कि मार्केट एसोसिएशन और आसपास के लोगों से भी इस संबंध में कोई सलाह मशवरा नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में इस सर्वे को तत्काल प्रभाव से रोक देना चाहिए.
आरोप लगाया गया कि टाउन वेंडिंग कमेटी के सदस्यों में निगम पार्षद या निगम की ओर से जितने भी रिकमेंडेशन दिए गए थे उन सभी को रद्द कर सरकार ने अपनी मर्जी के लोगों को जगह दी. नियम सरकार ने बनाए और कुछ ऐसे बनाए कि उन्हें जमीनी हकीकत बनाने में परेशानी हो रही है. इसी का हर्जाना वह लोग भर रहे हैं जो सालों से अपना काम धंधा करते हैं और जिन्हें असल में स्थापित करने की जरूरत है.
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आम आदमी पार्टी नेताओं का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी को यह हजम नहीं हो रहा है कि सब कुछ नियम के मुताबिक हो रहा है. नेता विपक्ष प्रेम चौहान कहते हैं कि मौजूदा समय में भाजपा नेताओं के पेट में दर्द इसलिए हो रहा है क्योंकि यह अपनी मर्जी के लोगों को स्थापित नहीं करवा पा रहे हैं.
प्रेम कहते हैं कि सभी प्रक्रियाओं का पालन कर इन्हें जमीनी हकीकत बनाने की जिम्मेदारी गैर राजनीतिक लोगों को दी गई है. इन लोगों को भी चुनाव कर ही लाया गया है. ऐसे में सर्वे को रोके जाने की मांग करना बेवकूफी से ज्यादा और कुछ नहीं है.