नई दिल्ली: रविवार को आम आदमी पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली सरकार को शासन से दरकिनार करने के लिए एक नया कानून लाने की कोशिश में है. उन्होंने कहा कि जनसंघ ने आजादी के बाद करीब 40 साल तक दिल्ली को राज्य बनाने की लड़ाई लड़ी, लेकिन उससे निकली भाजपा इससे पीछे हट गई है.
'चुनी हुई सरकार को बना रहे पंगु'
दिल्ली भाजपा के प्रभारी बैजयंत पांडा के एक बयान का जिक्र करते हुए सौरभ ने कहा कि दिल्ली भाजपा के कार्यकर्ताओं से उन्होंने कहा है कि वे घर-घर जाकर लोगों को बताएं कि दिल्ली में केंद्र की सत्ता किस तरह से बेहतर है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एक तरफ दिल्ली की चुनी हुई सरकार को पंगु बनाया जा रहा है. दूसरी तरफ ये एलजी की सत्ता की वकालत कर रहे हैं.
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'जनता के बीच करें बहस'
सौरभ भारद्वाज ने इस दौरान इस मुद्दे पर भाजपा को बहस की चुनौती भी दी. उन्होंने कहा कि मैं आदेश गुप्ता को चुनौती देता हूं कि वे किसी भी विधानसभा क्षेत्र में लोगों के बीच इसे लेकर खुली चर्चा करें कि दिल्ली में उपराज्यपाल का शासन बेहतर है, या चुनी हुई सरकार का. उस बहस में हम भी रहेंगे, वे भी रहें और वे बताएं कि कब कहां बहस के लिए आ सकते हैं.
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'लोकतंत्र बनाम हिटलरशाही'
सोमवार को लोकसभा में जीएनसीटीडी एमेंडमेंट बिल चर्चा के लिए आ सकता है. इसे लेकर सौरभ भारद्वाज ने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा में पार्टी इस पर अपनी रणनीति को लेकर विचार कर रही है. कई अन्य दलों के नेताओं का जिक्र करते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि विपक्षी नेताओं ने भी कहा है कि केंद्र सरकार जो कर रही है, वो असंवैधानिक है. उन्होंने कहा कि यह आम आदमी पार्टी बनाम भाजपा नहीं, लोकतंत्र बनाम हिटलरशाही है.