नई दिल्ली: दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी अब देश के अन्य राज्यों में भी अपनी सियासी जमीन तलाश रही है. दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में किये गए बदलावों को अन्य राज्य में भी वोट बटोरने का मुद्दा बनाने वाली आम आदमी पार्टी अपने एक ट्वीट के फेर में फंस गई है. बता दें कि आम आदमी पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से यह ट्वीट किया गया कि दिल्ली के 17,000 अतिथि शिक्षकों को स्थाई कर उनका वेतन मान दोगुना कर दिया गया है. वहीं दिल्ली के अतिथि शिक्षकों ने इस दावे को सफेद झूठ करार दिया और इसे आम आदमी पार्टी का वोट बटोरने का सियासी हथकंडा बताया. बता दें कि अतिथि शिक्षकों ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार से मुलाकात की जिन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की फितरत है झूठ पर राजनीति करना और कांग्रेस पार्टी आप की पोल खोलेगी.
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आप ने महामारी में अतिथि शिक्षकों को किया बेरोजगार
वहीं उन्होंने कहा कि जहां आम आदमी पार्टी बड़ी-बड़ी बात कर रही थी कि इस आपातकाल में किसी की नौकरी नहीं जाएगी और सबको घर वेतन मिलेगा. वहीं खुद उन्होंने कई अतिथि शिक्षकों को बेरोजगार कर घर पर बिठा दिया जिन पर इस समय रोजी रोटी का संकट छाया हुआ है. साथ ही उन्होंने कहा कि अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस तरह अतिथि शिक्षकों के मुद्दे को उठाकर उन्होंने अतिथि शिक्षकों के साथ गंदा मजाक कर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ ही किया है. उन्होंने कहा कि शिक्षा में हुए जिन बदलावों का हवाला देकर आप वोट बटोरना चाहती है. वह बदलाव लाने वाले शिक्षकों को आम आदमी पार्टी महज चुनावी फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है.
राजनीतिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए आप करती है बयानबाजी
वहीं दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने भी इस ट्वीट को लेकर आम आदमी पार्टी पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि जिस दिन से आम आदमी पार्टी अस्तित्व में आई है उस दिन से ही पार्टी अपने राजनीतिक लाभ के लिए झूठ बोलती आ रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की कथनी और करनी बिल्कुल विपरीत है. केवल अपनी राजनीतिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए इस तरह की बयानबाजी की जाती हैं जबकि हकीकत यह है कि अभी तक किसी भी अतिथि शिक्षक को न ही परमानेंट किया गया है ना ही उनका वेतन मान बढ़ाया गया है. आम आदमी पार्टी केवल बयानबाजी और इश्तिहारों के जरिए आम जनता को के बीच अपने कामों का ढिंढोरा पीटती है लेकिन काम कुछ नहीं करती. साथ ही उन्होंने कहा कि जिन अतिथि शिक्षकों को स्थाई करने का ट्वीट आम आदमी पार्टी कर रही है उन शिक्षकों की कोविड-19 में भी ड्यूटी लगाई गई लेकिन उनको किसी भी तरह का अतिरिक्त भत्ता नहीं दिया गया और अब आम आदमी पार्टी के इतने बड़े झूठ का शिक्षक भी विरोध कर रहे हैं. साथ ही कहा कि जिस तरह के झूठी बयानबाजी आम आदमी पार्टी कर रही है उनके इस सभी कामों की पोल कांग्रेस पार्टी जरूर खोलेगी.
60 साल की पॉलिसी की मांग कर रहे हैं अतिथि शिक्षक
बता दें कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कार्यरत अतिथि शिक्षक लंबे समय से 60 साल की पॉलिसी की मांग कर रहे हैं. इसको लेकर उन्होंने गत वर्ष शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया और उपराज्यपाल अनिल बैजल के आवास और दिल्ली बीजेपी प्रदेश कार्यालय पर धरना भी दिया था लेकिन अभी तक इस मसले पर कोई कदम नहीं उठाया गया है.