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डीयू प्रशासन के खिलाफ एएडीटीए ने की 12 घंटे की भूख हड़ताल, जानिए क्या है मामला

आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय शिक्षक विंग एएडीटीए के 12 घंटे चली भूख हड़ताल के दौरान एएडीटीए की डीयू कार्यकारी समिति की सदस्य डॉ. सीमा दास ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन चुनी हुई सरकार के प्रति जवाबदेही से बचने के लिए सभी प्रयास कर रहा है. यह हड़ताल शिक्षकों के गुस्से को दर्शाता है.

डीयू प्रशासन के खिलाफ एएडीटीए ने की 12 घंटे की भूख हड़ताल
डीयू प्रशासन के खिलाफ एएडीटीए ने की 12 घंटे की भूख हड़ताल
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Published : Mar 2, 2023, 11:03 PM IST

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय शिक्षक विंग एएडीटीए ने दिल्ली यूनिवर्सिटी(डीयू) प्रशासन के खिलाफ गुरुवार को भूख हड़ताल की. भूख हड़ताल सुबह 7 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक चली. हड़ताल में शिक्षक विंग के सदस्य हाथ में तरह तरह के बैनर लिए विरोध जताते दिखे. एएडीटीए के राष्ट्रीय प्रभारी डॉ. आदित्य नारायण मिश्रा के कहा कि दिल्ली विश्व विद्यालय में 12 हजार शिक्षक हैं, जिनमें 50 फीसदी अस्थायी और एडहॉक शिक्षक हैं.

दिल्ली विश्वविद्यालय में मौजूदा समय में जो भर्ती प्रक्रिया चल रही है उससे 75 फीसदी शिक्षक हटाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि डीयू के 28 महाविद्यालय में गवर्निंग बॉडी का गठन होना चाहिए. यह बेहद ही जरूरी है, क्योंकि इन महाविद्यालयों में गवर्निंग बॉडी का गठन किये बिना इंटरव्यू कराया जा रहा है. इस संबंध में तत्कालीन शिक्षा मंत्री ने डीयू के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह को पत्र लिखकर इंटरव्यू को रोकने के लिए कहा था. लेकिन डीयू कुलपति ने संज्ञान नहीं लिया. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे के अलावा डीयू में वर्षों से काम कर रहे एडहॉक शिक्षक हैं, उन्हें निकालना गलत है. हम गवर्निंग बॉडी के गठन की मांग करते हैं.

एएडीटीए ने कहा कि हम लगातार शिक्षकों के समायोजन और गवर्निंग बॉडी के तत्काल गठन के लिए संघर्ष कर रहे हैं और यह जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि डीयू प्रशासन को इस संबंध में ध्यान देने की जरूरत है. क्योंकि सरकार के उम्मीदवारों को गवर्निंग बॉडी में शामिल नहीं कर रहा है जिससे बड़े पैमाने पर शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटक गई है. उन्हें हटाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है.

भूख हड़ताल में इनका मिला समर्थन
एएडीटीए के भूख हड़ताल में आचार्य नरेन्द्र देव कॉलेज की गवर्निंग बॉडी के पूर्व चेयरमैन अनिल सैनी के साथ 10 अन्य महाविद्यालयों के गवर्निंग बॉडी के पूर्व चेयरमैन ने अपना समर्थन दिया और भूख हड़ताल में शामिल हुए. एएडीटीए की डीयू कार्यकारी समिति की सदस्य डॉ. सीमा दास ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन चुनी हुई सरकार के प्रति जवाबदेही से बचने के लिए सभी प्रयास कर रहा है. यह हड़ताल शिक्षकों के गुस्से को दर्शाता है.


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नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय शिक्षक विंग एएडीटीए ने दिल्ली यूनिवर्सिटी(डीयू) प्रशासन के खिलाफ गुरुवार को भूख हड़ताल की. भूख हड़ताल सुबह 7 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक चली. हड़ताल में शिक्षक विंग के सदस्य हाथ में तरह तरह के बैनर लिए विरोध जताते दिखे. एएडीटीए के राष्ट्रीय प्रभारी डॉ. आदित्य नारायण मिश्रा के कहा कि दिल्ली विश्व विद्यालय में 12 हजार शिक्षक हैं, जिनमें 50 फीसदी अस्थायी और एडहॉक शिक्षक हैं.

दिल्ली विश्वविद्यालय में मौजूदा समय में जो भर्ती प्रक्रिया चल रही है उससे 75 फीसदी शिक्षक हटाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि डीयू के 28 महाविद्यालय में गवर्निंग बॉडी का गठन होना चाहिए. यह बेहद ही जरूरी है, क्योंकि इन महाविद्यालयों में गवर्निंग बॉडी का गठन किये बिना इंटरव्यू कराया जा रहा है. इस संबंध में तत्कालीन शिक्षा मंत्री ने डीयू के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह को पत्र लिखकर इंटरव्यू को रोकने के लिए कहा था. लेकिन डीयू कुलपति ने संज्ञान नहीं लिया. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे के अलावा डीयू में वर्षों से काम कर रहे एडहॉक शिक्षक हैं, उन्हें निकालना गलत है. हम गवर्निंग बॉडी के गठन की मांग करते हैं.

एएडीटीए ने कहा कि हम लगातार शिक्षकों के समायोजन और गवर्निंग बॉडी के तत्काल गठन के लिए संघर्ष कर रहे हैं और यह जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि डीयू प्रशासन को इस संबंध में ध्यान देने की जरूरत है. क्योंकि सरकार के उम्मीदवारों को गवर्निंग बॉडी में शामिल नहीं कर रहा है जिससे बड़े पैमाने पर शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटक गई है. उन्हें हटाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है.

भूख हड़ताल में इनका मिला समर्थन
एएडीटीए के भूख हड़ताल में आचार्य नरेन्द्र देव कॉलेज की गवर्निंग बॉडी के पूर्व चेयरमैन अनिल सैनी के साथ 10 अन्य महाविद्यालयों के गवर्निंग बॉडी के पूर्व चेयरमैन ने अपना समर्थन दिया और भूख हड़ताल में शामिल हुए. एएडीटीए की डीयू कार्यकारी समिति की सदस्य डॉ. सीमा दास ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन चुनी हुई सरकार के प्रति जवाबदेही से बचने के लिए सभी प्रयास कर रहा है. यह हड़ताल शिक्षकों के गुस्से को दर्शाता है.


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