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एम्स में बढ़ेंगे 954 बेड, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री आज करेंगे नए केंद्र और वार्ड का उद्घाटन - अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान

All India Institute of Medical Sciences: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान-एम्स में बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नए राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र, सर्जरी ब्लाक, मातृ एवं शिशु ब्लाक और प्राइवेट वार्ड का उद्घाटन करेंगे.

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 12, 2023, 10:47 PM IST

Updated : Dec 13, 2023, 7:37 AM IST

नई दिल्लीः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया बुधवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में अस्पताल जनित संक्रमण (एचएआइ) अनुसंधान केंद्र और चार नए ब्लाक का लोकार्पण करेंगे. जिन ब्लाक का लोकार्पण होगा उनमें राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र, सर्जरी ब्लाक, मातृ एवं शिशु ब्लाक और प्राइवेट वार्ड शामिल हैं. हालांकि, इन सभी केंद्रों और वार्ड में चिकित्सा सुविधाएं पहले ही शुरू हो चुकी हैं लेकिन इसका विधिवत लोकार्पण होना शेष था.

ये भी पढ़ें: दिल्ली AIIMS के डॉक्टरों ने एक बार फिर किया चमत्कार, 34 वर्षीय पर्वतारोही को दिया नया जीवनदान

इसलिए सभी नए केंद्रों और वार्ड के उद्घाटन का कार्यक्रम एक साथ निर्धारित किया गया है. इन केंद्रों के निर्माण से एम्स में चिकित्सा सुविधाओं के लिए आवश्यक ढांचे का भी विस्तार हुआ है, जिसका मरीजों को भी फायदा मिल रहा है. एम्स के मुख्य अस्पताल, कार्डियोथोरेसिक सेंटर, न्यूरो सेंटर, आरपी सेंटर, कैंसर सेंटर, न्यूरो सेंटर, झज्जर स्थित राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआई) व अन्य केंद्रो को मिलाकर एम्स में कुल 3279 बेड हैं, जिसमें 298 प्राइवेट वार्ड के बेड शामिल हैं. राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र की बेड क्षमता 200, सर्जरी ब्लाक की बेड क्षमता 200, मातृ एवं शिशु ब्लाक की बेड क्षमता 427 और प्राइवेट वार्ड-तीन की बेड क्षमता 127 बेड है.

नए सेंटर और वार्ड के लोकार्पण से एम्स में बढ़ेंगे 954 बेड
बुधवार को लोकार्पण होने वाले नए सेंटर और वार्डों में नए बेड की संख्या 954 है. इन चार केंद्रों के अलावा एनसीआइ में भी प्राइवेट वार्ड का शुभारंभ होगा. इसलिए एम्स की बेड क्षमता 4200 से ज्यादा हो जाएगी. इसके अलावा एनसीआई में एक शोध का केंद्र भी शुरू होगा. इसके अलावा एम्स के ही जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रामा सेंटर में एचएआइ अनुसंधान केंद्र और फारेंसिक डीएनए लैब भी शुरू होगी.

बता दें कि अस्पताल जनित संक्रमण मरीजों के लिए एक बड़ी समस्या रही है. इसलिए अस्पतालों में इसकी रोकथाम के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलाए जाते हैं. एम्स के मार्गदर्शन में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) अस्पताल जनित संक्रमण की निगरानी के लिए शोध भी कराती रही है. अस्पताल में भर्ती मरीजों को इस तरह का संक्रमण होने का जोखिम ज्यादा रहता है.

इसका कारण अस्पताल में अलग-अलग बीमारियों के मरीजों का होना रहता है. खास तौर पर आईसीयू में भर्ती मरीजों को अस्पताल जनित संक्रमण सबसे अधिक होता है. इस तरह के संक्रमण की रोकथाम का बेहतर विकल्प तलाशने के लिए आइसीएमआर ने एम्स को पांच करोड़ रुपये का अनुदान भी दिया है. इसको ध्यान में रखते हुए एम्स ट्रामा सेंटर में एचएआइ अनुसंधान केंद्र का निर्माण किया गया है.

इस केंद्र में अस्पताल जनित संक्रमण की रोकथाम के लिए उन्नत तकनीक विकसित की जाएगी, जो देश भर के अस्पतालों में अस्पताल जनित संक्रमण की रोकथाम में मददगार साबित होगी. इससे अस्पताल जनित संक्रमण जैसी बड़ी समस्या का समाधान हो सकेगा.

देश में राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र शुरू करने वाला पहला अस्पताल है एम्स
देश में बुजुर्गों के इलाज के लिए एक ही छत के नीचे सभी चिकित्सा सुविधाओं को देने के लिए राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र शुरू करने वाला एम्स देश का पहला अस्पताल है. एम्स ने वरिष्ठ नागरिकों को उनकी उम्र और बीमारी को देखते हुए परेशानी से बचाने के लिए यह एक पहल शुरू की है. जिससे बुजुर्गों को अपने इलाज के लिए अलग-अलग विभागों, अलग बिल्डिगों और वार्डों के चक्कर न काटने पड़ें.

न्यू राजकुमारी ओपीडी की इमारत के पास बनाए गए राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र में बुजुर्ग मरीजों को ओपीडी, सभी तरह की जांच, भर्ती करने पर वार्ड आदि की सुविधा एक ही छत के नीचे मिलेगी. इससे उन्हें अपना इलाज कराने में आसानी होगी और दर-दर नहीं भटकना पड़ेगा. हालांकि, एम्स के इस सेंटर में इलाज की कुछ सुविधाएं छह महीने पहले ही शुरू हो चुकी हैं, जो सुविधाएं बाकी रह गईं थीं वे कल विधिवत लोकार्पण के बाद शुरू कर दी जाएंगी.

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नई दिल्लीः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया बुधवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में अस्पताल जनित संक्रमण (एचएआइ) अनुसंधान केंद्र और चार नए ब्लाक का लोकार्पण करेंगे. जिन ब्लाक का लोकार्पण होगा उनमें राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र, सर्जरी ब्लाक, मातृ एवं शिशु ब्लाक और प्राइवेट वार्ड शामिल हैं. हालांकि, इन सभी केंद्रों और वार्ड में चिकित्सा सुविधाएं पहले ही शुरू हो चुकी हैं लेकिन इसका विधिवत लोकार्पण होना शेष था.

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इसलिए सभी नए केंद्रों और वार्ड के उद्घाटन का कार्यक्रम एक साथ निर्धारित किया गया है. इन केंद्रों के निर्माण से एम्स में चिकित्सा सुविधाओं के लिए आवश्यक ढांचे का भी विस्तार हुआ है, जिसका मरीजों को भी फायदा मिल रहा है. एम्स के मुख्य अस्पताल, कार्डियोथोरेसिक सेंटर, न्यूरो सेंटर, आरपी सेंटर, कैंसर सेंटर, न्यूरो सेंटर, झज्जर स्थित राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआई) व अन्य केंद्रो को मिलाकर एम्स में कुल 3279 बेड हैं, जिसमें 298 प्राइवेट वार्ड के बेड शामिल हैं. राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र की बेड क्षमता 200, सर्जरी ब्लाक की बेड क्षमता 200, मातृ एवं शिशु ब्लाक की बेड क्षमता 427 और प्राइवेट वार्ड-तीन की बेड क्षमता 127 बेड है.

नए सेंटर और वार्ड के लोकार्पण से एम्स में बढ़ेंगे 954 बेड
बुधवार को लोकार्पण होने वाले नए सेंटर और वार्डों में नए बेड की संख्या 954 है. इन चार केंद्रों के अलावा एनसीआइ में भी प्राइवेट वार्ड का शुभारंभ होगा. इसलिए एम्स की बेड क्षमता 4200 से ज्यादा हो जाएगी. इसके अलावा एनसीआई में एक शोध का केंद्र भी शुरू होगा. इसके अलावा एम्स के ही जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रामा सेंटर में एचएआइ अनुसंधान केंद्र और फारेंसिक डीएनए लैब भी शुरू होगी.

बता दें कि अस्पताल जनित संक्रमण मरीजों के लिए एक बड़ी समस्या रही है. इसलिए अस्पतालों में इसकी रोकथाम के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलाए जाते हैं. एम्स के मार्गदर्शन में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) अस्पताल जनित संक्रमण की निगरानी के लिए शोध भी कराती रही है. अस्पताल में भर्ती मरीजों को इस तरह का संक्रमण होने का जोखिम ज्यादा रहता है.

इसका कारण अस्पताल में अलग-अलग बीमारियों के मरीजों का होना रहता है. खास तौर पर आईसीयू में भर्ती मरीजों को अस्पताल जनित संक्रमण सबसे अधिक होता है. इस तरह के संक्रमण की रोकथाम का बेहतर विकल्प तलाशने के लिए आइसीएमआर ने एम्स को पांच करोड़ रुपये का अनुदान भी दिया है. इसको ध्यान में रखते हुए एम्स ट्रामा सेंटर में एचएआइ अनुसंधान केंद्र का निर्माण किया गया है.

इस केंद्र में अस्पताल जनित संक्रमण की रोकथाम के लिए उन्नत तकनीक विकसित की जाएगी, जो देश भर के अस्पतालों में अस्पताल जनित संक्रमण की रोकथाम में मददगार साबित होगी. इससे अस्पताल जनित संक्रमण जैसी बड़ी समस्या का समाधान हो सकेगा.

देश में राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र शुरू करने वाला पहला अस्पताल है एम्स
देश में बुजुर्गों के इलाज के लिए एक ही छत के नीचे सभी चिकित्सा सुविधाओं को देने के लिए राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र शुरू करने वाला एम्स देश का पहला अस्पताल है. एम्स ने वरिष्ठ नागरिकों को उनकी उम्र और बीमारी को देखते हुए परेशानी से बचाने के लिए यह एक पहल शुरू की है. जिससे बुजुर्गों को अपने इलाज के लिए अलग-अलग विभागों, अलग बिल्डिगों और वार्डों के चक्कर न काटने पड़ें.

न्यू राजकुमारी ओपीडी की इमारत के पास बनाए गए राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र में बुजुर्ग मरीजों को ओपीडी, सभी तरह की जांच, भर्ती करने पर वार्ड आदि की सुविधा एक ही छत के नीचे मिलेगी. इससे उन्हें अपना इलाज कराने में आसानी होगी और दर-दर नहीं भटकना पड़ेगा. हालांकि, एम्स के इस सेंटर में इलाज की कुछ सुविधाएं छह महीने पहले ही शुरू हो चुकी हैं, जो सुविधाएं बाकी रह गईं थीं वे कल विधिवत लोकार्पण के बाद शुरू कर दी जाएंगी.

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Last Updated : Dec 13, 2023, 7:37 AM IST
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