नई दिल्ली: 740 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े में आर्थिक अपराध शाखा ने फोर्टिस अस्पताल के मालिक शिवेंद्र सिंह को उनके तीन अन्य साथियों समेत गिरफ्तार कर लिया है. इनकी पहचान सुनील गोड़वानी, कवि अरोड़ा और अनिल सक्सेना के रूप में की गई है. इस मामले में शिवेंद्र के बड़े भाई मालविंदर मोहन सिंह भी आरोपी हैं. पुलिस पूरे फर्जीवाड़े को लेकर उनसे पूछताछ कर रही है.
अतिरिक्त आयुक्त ओपी मिश्रा के अनुसार रिलीगेयर फाइन्वेस्ट लिमिटेड नामक कंपनी ने आर्थिक अपराध शाखा में अक्टूबर 2018 में दोनों भाइयों के खिलाफ 740 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े की एफआईआर दर्ज कराई थी.
इस मामले में दवा की नामी कंपनी रैनबैक्सी के एक्स प्रमोटर और फोर्टिस अस्पताल के मालिक शिवेंद्र सिंह और उनके भाई मालविंदर सिंह को मुख्य आरोपी बनाया गया था. इसके बाद से लगातार आर्थिक अपराध शाखा उनकी तलाश कर रही थी. प्रवर्तन निदेशालय ने भी उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज कर रखा था.
सेबी के ऑडिट में भी हुआ खुलासा
शिकायत में मनप्रीत सिंह सूरी ने रेलीगरे फ़िनवेस्ट लिमिटेड (आरएफएल) की तरफ से शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें मालविंदर मोहन सिंह, शिवेंद्र मोहन सिंह, सुनील गोडवानी एवं अन्य को आरोपी बनाया था. शिकायत में बताया गया था की रैलीगेर एंटरप्राइज लिमिटेड कंपनी पर आरोपियों का पूरा अधिकार था.
इसकी दूसरी कंपनी रेलीगेर इन्वेस्ट लिमिटेड बेहद घाटे में चल रही थी. यह कंपनियां अपनी पेमेंट नहीं चुका पा रही थी, जिसकी वजह से इन कंपनियों को 2397 करोड़ का नुकसान हुआ था. आरबीआई सेबी द्वारा किए गए ऑडिट में भी इसका खुलासा हुआ था.
गुरुवार को की गई गिरफ्तारी
इस मामले के दर्ज होने के बाद से आर्थिक अपराध शाखा द्वारा आरोपियों की तलाश में छापेमारी चल रही थी. इसके लिए खासतौर से डीसीपी वर्षा शर्मा की टीम को लगाया गया था. गुरुवार को पुलिस ने गुप्त सूचना पर शिवेंद्र सिंह समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इनसे पूरे घोटाले को लेकर पूछताछ की जा रही है.