नई दिल्ली: राष्ट्रीय सेवा भारती आगामी सात से नौ अप्रैल को जयपुर में सेवा संगम का आयोजन करेगा. सेवा भारती के तृतीय महासंगम में 1000 से अधिक स्वैच्छिक सेवा संगठनों के 4000 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. इसका ध्येय वाक्य 'स्वावलंबी भारत समृद्ध भारत' है. प्रेस कांफ्रेंस कर राष्ट्रीय सेवा भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष पन्नालाल भंसाली और महासचिव रेणु पाठक ने ग्रामीण और शहरी भारत में संगठनों के प्रयासों और उनके सामने आ रहीं चुनौतियों पर प्रकाश डाला. कहा कि पिछले वर्ष में ही 25,000 से अधिक लोगों को रोजगार दिया गया है.
राष्ट्रीय अध्यक्ष पन्नालाल भंसाली ने कहा सेवा भारती नर सेवा नारायण सेवा के ध्येय के साथ वंचित, पीड़ितों की सेवा करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं को प्रोत्साहन और सहयोग करने वाली एक संस्था है. सेवा भारती 10,513 स्वास्थ्य प्रकल्प, 16,184 दक्षता प्रकल्प, 6,805 स्वावलंबन प्रकल्प, 9,543 सामाजिक प्रकल्प समेत कुल 43,045 सेवा परियोजनाओं द्वारा समाज को सशक्त और एकता के सूत्र में बांधने के लिए प्रयासरत है.
देश में महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा: देश के 117 जिलों में 12,187 स्वयं सहायता समूह संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें लगभग 1,20,000 सदस्य हैं. इन समूहों में 2451 स्वावलंबन के कायों में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं. राष्ट्रीय सेवा भारती का प्राथमिक लक्ष्य सभी के लिए समान दक्षता और प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करना है, ताकि प्रत्येक व्यक्ति को आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में सशक्त बनाया जा सके. राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा सेवा संगम यह भी प्रदर्शित करेगा कि कैसे सेवा भारती देश भर में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए समर्पित है. हाल ही में महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए सेवा भारती ने हैदाराबाद में 'रन फॉर गर्ल चाइल्ड' और 'किशोरी विकास' जैसे कार्यक्रम की है. भंसाली ने सेवा भारती की पिछली उपलब्धियों और अगले 5 वर्षों के उद्देश्यों के बारे में जागरूकता पर भी चर्चा की.
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सेवा भारती संकट में समाज सेवा के लिए सक्रिय: राष्ट्रीय सेवा भारती की महासचिव रेणु पाठक ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि संगठन ने स्वस्थ बाल पोषण सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए हैं. सेवा भारती संकट के क्षण में समाज में सेवा के लिए सक्रिय रहा है. बता दें कि पहला सेवा संगम वर्ष 2010 में बंगलूरू में आयोजित किया गया था. इसका ध्येय वाक्य 'परिवर्तन' था. इसमें 980 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था. साल 2015 में दूसरा सेवा संगम देश की राजधानी दिल्ली में सम्पन्न हुआ था. इसका ध्येय वाक्य 'समरस भारत समर्थ भारत' था. इसमें 3500 प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
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