नई दिल्ली: सड़क हादसों में होने वाली मौत के आंकड़ों को कम करने में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को बीते वर्ष बड़ी कामयाबी मिली है. सड़क हादसों में मौत का आंकड़ा 31 साल में सबसे कम रहा. वर्ष 1988 में जहां सड़क हादसों में 1474 लोगों की सड़क हादसे में मौत हुई तो वहीं वर्ष 2019 में सड़क हादसों में 1463 लोगों में जान गंवाई. इस आंकड़े को और नीचे लाने के लिए ट्रैफिक पुलिस इस वर्ष भी प्रयास करेगी.
विशेष आयुक्त ताज हसन ने बताया कि प्रत्येक वर्ष औसतन 1700 से 1800 लोग दिल्ली में होने वाले सड़क हादसों में जान गंवा देते हैं. ट्रैफिक पुलिस लगातार इन आंकड़ों को कम करने के लिए विभिन्न महत्वपूर्ण कदम उठाती है. वर्ष 2019 में भी साल की शुरुआत से ही ट्रैफिक पुलिस ने सड़क हादसों को कम करने के लिए कदम उठाए. इसका फायदा भी देखने को मिला और बीते वर्ष 224 लोगों की जान बचाने में ट्रैफिक पुलिस कामयाब रही.
1988 के बाद पहली बार हुई मौत की संख्या कम
विशेष आयुक्त ताज हसन ने बताया कि वर्ष 2019 में सड़क हादसों में कुल 1463 लोगों की मौत हुई है. दो साल से लगातार बढ़ रहे मौत के आंकड़े को कम करने में वर्ष 2019 में ट्रैफिक पुलिस कामयाब रही. वर्ष 2018 में सड़क हादसों में 1687 लोगों में जान गंवाई थी. इस तरह बीते वर्ष 224 लोगों की मौत कम हुई है. उन्होंने बताया कि वर्ष 1988 में सड़क हादसों में 1474 लोगों की मौत हुई थी. 31 साल बाद सड़क हादसे में होने वाली मौत की संख्या 1500 से नीचे हुई है. सबसे ज्यादा 2361 मौत वर्ष 1996 में दर्ज की गई थी.
जागरूकता ही बेहतर उपाय
ताज हसन ने बताया कि सड़क हादसों को कम करने के लिए सबसे बेहतर उपाय लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाना है..लोग सड़क पर जितना यातायात नियमों का पालन करेंगे सड़क हादसों में उतनी ही कमी आएगी. उन्होंने बताया कि इसे ध्यान में रखते हुए ही ऐसे जगह पर स्पीड डिटेक्टर कैमरे लगाए गए हैं, जहां पर लोग तेज रफ्तार से वाहन चलाते हुए सड़क हादसों का शिकार हो जाते हैं. इसका फायदा भी देखने को मिल रहा है और इन जगहों पर सड़क हादसों की संख्या कम हुई है.