नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने विधवा पेंशन स्कीम को लेकर हलफनामा दिल्ली हाईकोर्ट में दिया है. जिसमें दिल्ली सरकार ने कहा है कि उसने पिछले जून महीने तक दिल्ली में दो लाख पचपन हजार लाभार्थियों को विधवा पेंशन स्कीम के तहत आर्थिक मदद की है. दिल्ली सरकार के इस हलफनामे के बाद चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका का निस्तारण कर दिया है.
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से वकील अंजुम जावेद ने कहा कि 393 गरीब विधवाओं की बेटियों और अनाथ बच्चियों की शादी करने के लिए भी आर्थिक सहायता दी गई है. उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के लिए साठ हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक की मदद दी गई. उन्होंने कहा कि दिल्ली में विधवाओं की मदद के लिए दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर सारी प्रक्रिया बताई गई है. उसके तहत जिलों में दायर आवेदनों पर 45 दिनों के अंदर कार्रवाई होती है.
दिल्ली सरकार के हलफनामे पर संतोष जताया
दिल्ली सरकार के हलफनामे में कहा गया है कि लाडली योजना और गरीब विधवाओं को अपनी बेटियों की शादी के लिए भी प्रक्रिया तय करने का अंतिम चरण चल रहा है. ये जल्द ही वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा. दिल्ली सरकार के इस हलफनामे पर गौर करने के बाद चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि दिल्ली सरकार ने इस संबंध में पर्याप्त कदम उठाए हैं. उसके बाद कोर्ट ने याचिका का निस्तारण कर दिया.
12 हजार विधवा महिलाओं का पेंशन रोकने का आरोप
बता दें कि याचिका सामाजिक कार्यकर्ता हरपाल सिंह राणा ने दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक कोरोना काल में करीब 12 हजार विधवा महिलाओं का पेंशन रोक दिया गया है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील अखिल राणा और उत्कर्ष शर्मा ने कहा था कि बिना किसी पुख्ता वजह से विधवा पेंशन रोका गया है. याचिका में विधवा पेंशन का वेरिफिकेशन कर उसे तुरंत बहाल करने की मांग की गई थी. महिलाओं को उनकी बेटी की शादी के लिए मिलने वाली सहायता भी नहीं दी जा रही है.