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कोरोना का कहर! कब्रिस्तान में कम पड़ी जगह, हिंदू रीति से हुआ 2 ईसाइयों का अंतिम संस्कार - Christen diabody cremated by hindu religion protocol

दिल्ली में कोरोना महामारी ने इस कदर तबाही मचाई कि कब्रिस्तान में जगह कम पड़ गई है. यही कारण है कि पिछले दिनों दो ईसाइयों का अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाजों से कराया गया है.

cremation of dead body of 2 Christan by hindu religion protocol in ghaziur crematorium
हिंदू रीति रिवाज से हुआ 2 ईसाइयों का अंतिम संस्कार
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Published : May 13, 2021, 5:48 PM IST

Updated : May 13, 2021, 5:55 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी में कोरोना के मामले भले ही कम होने लगे हों लेकिन इससे जुड़े मौत के आंकड़े लगातार डरा रहे हैं. मौत के आंकड़े बढ़ने के साथ ही दिल्ली के कब्रिस्तान में अब जगह की कमी होने लगी है. कब्रिस्तान में जगह की कमी का आलम यह है कि गाजीपुर श्मशान घाट में 2 ईसाइयों का अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज से किया गया है क्योंकि कब्रिस्तान में उन्हें दफनाने के लिए जगह नहीं मिल सकी.

हिंदू रीति रिवाज से हुआ 2 ईसाइयों का अंतिम संस्कार

'हिंदू विधि विधान से किया गया अंतिम संस्कार'
गाजीपुर श्मशान घाट के मुख्य पुजारी सुशील ने बताया कि गाजीपुर श्मशान घाट में बीते कुछ दिनों के दौरान कोरोना से मृत 2 ईसाइयों का अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज से किया गया है. कब्रिस्तान में जगह ना मिलने के कारण इनके परिजनों ने श्मशान घाट पर संपर्क किया था. इसके बाद उनका अंतिम संस्कार कराया गया. अंतिम संस्कार कराने से पहले उनके परिवार से लिखित में प्रार्थना पत्र लिया गया है ताकि भविष्य में कोई विवाद ना पैदा हो. इसके साथ ही राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल जहां इनकी मौत हुई थी, वहां से भी डॉक्यूमेंट मंगाए गए थे. परिजनों की रजामंदी मिलने के बाद पूरे विधि विधान से गाजीपुर श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया.

Prayer letter written before funeral
अंतिम संस्कार से पहले लिखवाया गया प्रार्थना पत्र

पढ़ें- टीके की कमी के कारण महाराष्ट्र-कर्नाटक ने 18-44 उम्र समूह के लिए टीकाकरण अभियान रोका

'कुछ अस्थियां दफनाई गईं तो कुछ हुईं प्रवाहित'
गाजीपुर श्मशान घाट के मुख्य पुजारी सुशील ने बताया कि पूरे विधि विधान से अंतिम संस्कार होने के बाद अगले दिन दोनों मृतक के परिजन श्मशान घाट आए और पूरे विधि विधान से फूल(अस्थियां) चुनने की प्रक्रिया पूरी की गई. फूल चुनने के बाद उनके परिजनों द्वारा उन्हें यमुना नदी में प्रवाहित कर दिया गया तो कुछ फूलों को नजदीकी कब्रिस्तान में दफना दिया गया. पुजारी ने बताया कि 2 ईसाइयों का अंतिम संस्कार उनके परिवार की रजामंदी से हुआ है क्योंकि कब्रिस्तान में उन्हें दफनाने के लिए जगह नहीं मिली. इसके लिए सभी जरूरी दस्तावेज भी परिजनों से जमा कराए गए हैं ताकि भविष्य में किसी प्रकार का विवाद ना हो.

नई दिल्ली: राजधानी में कोरोना के मामले भले ही कम होने लगे हों लेकिन इससे जुड़े मौत के आंकड़े लगातार डरा रहे हैं. मौत के आंकड़े बढ़ने के साथ ही दिल्ली के कब्रिस्तान में अब जगह की कमी होने लगी है. कब्रिस्तान में जगह की कमी का आलम यह है कि गाजीपुर श्मशान घाट में 2 ईसाइयों का अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज से किया गया है क्योंकि कब्रिस्तान में उन्हें दफनाने के लिए जगह नहीं मिल सकी.

हिंदू रीति रिवाज से हुआ 2 ईसाइयों का अंतिम संस्कार

'हिंदू विधि विधान से किया गया अंतिम संस्कार'
गाजीपुर श्मशान घाट के मुख्य पुजारी सुशील ने बताया कि गाजीपुर श्मशान घाट में बीते कुछ दिनों के दौरान कोरोना से मृत 2 ईसाइयों का अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज से किया गया है. कब्रिस्तान में जगह ना मिलने के कारण इनके परिजनों ने श्मशान घाट पर संपर्क किया था. इसके बाद उनका अंतिम संस्कार कराया गया. अंतिम संस्कार कराने से पहले उनके परिवार से लिखित में प्रार्थना पत्र लिया गया है ताकि भविष्य में कोई विवाद ना पैदा हो. इसके साथ ही राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल जहां इनकी मौत हुई थी, वहां से भी डॉक्यूमेंट मंगाए गए थे. परिजनों की रजामंदी मिलने के बाद पूरे विधि विधान से गाजीपुर श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया.

Prayer letter written before funeral
अंतिम संस्कार से पहले लिखवाया गया प्रार्थना पत्र

पढ़ें- टीके की कमी के कारण महाराष्ट्र-कर्नाटक ने 18-44 उम्र समूह के लिए टीकाकरण अभियान रोका

'कुछ अस्थियां दफनाई गईं तो कुछ हुईं प्रवाहित'
गाजीपुर श्मशान घाट के मुख्य पुजारी सुशील ने बताया कि पूरे विधि विधान से अंतिम संस्कार होने के बाद अगले दिन दोनों मृतक के परिजन श्मशान घाट आए और पूरे विधि विधान से फूल(अस्थियां) चुनने की प्रक्रिया पूरी की गई. फूल चुनने के बाद उनके परिजनों द्वारा उन्हें यमुना नदी में प्रवाहित कर दिया गया तो कुछ फूलों को नजदीकी कब्रिस्तान में दफना दिया गया. पुजारी ने बताया कि 2 ईसाइयों का अंतिम संस्कार उनके परिवार की रजामंदी से हुआ है क्योंकि कब्रिस्तान में उन्हें दफनाने के लिए जगह नहीं मिली. इसके लिए सभी जरूरी दस्तावेज भी परिजनों से जमा कराए गए हैं ताकि भविष्य में किसी प्रकार का विवाद ना हो.

Last Updated : May 13, 2021, 5:55 PM IST
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