नई दिल्ली: दिल्ली में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए 13 हाट स्पॉट हैं. इसके अतिरिक्त औद्योगिक कचरे के 164 हाट स्पॉट चिह्नित किए गए हैं. जहां पर औद्योगिक कचरे को डालकर जलाया जाता है. इससे प्रदूषण होता है. कचरा जलाने से रोकने के लिए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) अन्य विभागों के साथ निगरानी शुरू कर दी है. इन स्थानों पर कूड़ा जलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई होंगी.
तीन विभागों की टीमें दिन रात करेंगी निगरानी : डीपीसीसी के अधिकारियों के मुताबिक कूड़े के जलने से भी दिल्ली मे बड़ी मात्रा में वायु प्रदूषण होता है. औद्योगिक इलाकों से निकलने वाला कूड़ा अवैध तरीके से डालकर न जलाया जाए. इसके लिए तीन विभागों की टीमें दिन रात निगरानी कर रही हैं. इसमें डीपीसीसी के साथ दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं ढांचागत विकास निगम (डीएसआइआइडीसी) सहयोग कर रही हैं. अधिकारियों के मुताबिक पिछले वर्ष जिन जगहों पर कूड़ा डालने और आग लगाने की घटनाएं अधिक हुई थीं, उनकी पहचान की गई है.
कूड़ा डालने वालों से वसूला जाएगा खर्च : दिल्ली में कहीं भी कूड़ा डालकर उसमें आग लगाई जाती है, तो ऐसा करने वाले के खिलाफ कार्रवाई करेगी. डीपीसीसी, एमसीडी और डीएसआइआइटीसी टीम के साथ मिलकर कार्रवाई करेगी. औद्योगिक कचरा उठवाया जाएगा. इसका पूरा खर्च भी औद्योगिक इकाइयों से ही वसूला जाएगा. दिल्ली में 32 औद्योगिक क्षेत्र हैं. चिह्नित किए गए 164 हाट स्पॉट में ज्यादातर बाहरी दिल्ली में हैं. ऐसे में बाहरी दिल्ली पर विशेष निगरानी रहेगी, जिससे वायु प्रदूषण को बढ़ाने से रोका जा सके.
ये है दिल्ली से सर्वाधिक प्रदूषित 13 हाटस्पॉट : दिल्ली के आनंद विहार, वजीरपुर, विवेक विहार, जहांगीरपुरी, अशोक विहार, बवाना, रोहणी, नरेला, द्वारका, मुंडका, पंजाबी बाग, आरके पुरम और ओखला फेज- दो ये 13 हाट स्पॉट हैं. इन स्थानों पर वायु प्रदूषण सबसे ज्यादा होता है. इन स्थानों पर प्रदूषण के अलग-अलग कारण हैं. ऐसे में इन सभी स्थानों के लिए अलग-अलग एक्शन प्लान बनाकर काम किया जा रहा है. इसके लिए अलग टीमें हैं. अलग से मानीटरिंग भी की जा रही है.
"वायु प्रदूषण में कूड़े के जलाने से होने वाले धुएं का भी योगदान होता है. यह अच्छी पहल है कि औद्योगिक कचरे को जलाने से रोकने के लिए दिनरात निगरानी की जा रही है. इससे जरूर प्रदूषण से लोगों को कुछ न कुछ राहत मिलेगी. लोगों को भी जागरूक होना चाहिए कि प्रदूषण हर किसी के सवास्थ्य के लिए घातक है, ऐसे में लापरवाही बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए." - डॉ. जितेंद्र नागर, पर्यावरणविद
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