नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश भाजपा के महामंत्री हर्ष मल्होत्रा ने ठंड से 162 बेघरों की मौत पर दिल्ली सरकार पर गंभीर आरोप लगाया. प्रेस कॉंफ्रेंस कर उन्होंने कहा कि 2022 के अंतिम दिन में बड़े भावुक मन से दिल्ली व देश की जनता का ध्यान बेघर लोगों के प्रति अरविंद केजरीवाल सरकार की संवेदनहीनता की ओर आकृष्ट कर रहा हूं. केजरीवाल सरकार ने गरीबों को तीन माह से राशन उपलब्ध नहीं कराया है. अब बेघरों की मृत्यु का समाचार यह साफ दर्शाता है कि केजरीवाल सरकार एक संवेदनहीन सरकार है.
मल्होत्रा ने कहा कि यह खेद का विषय है कि राजधानी दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल सरकार के बड़े-बड़े दावों के बावजूद बीते 30 दिनों में दिल्ली में 162 बेघर ठंड या भूख के कारण दिल्ली की सड़कों पर मर चुके हैं. देश की राजधानी में केजरीवाल सरकार की लापरवाही से दिसम्बर में 162 बेघरोंं का ठंड से मरना न सिर्फ हम सब दिल्ली वालों को शर्मशार करता है बल्कि सरकार का एक अक्षम्य अपराध है.
उन्होंने कहा कि 2018-19 की सर्दियों में 779, 2019-20 की सर्दियों में 749, 2020-21 की सर्दियों में 436 एवं 2021-22 की सर्दियों में 545 बेघरों के दिल्ली की सड़कों पर मरने की पुष्टि भी दिल्ली पुलिस एवं एनजीओ के आंकड़े करते हैं. यह आंकड़े दिसम्बर-जनवरी के हैं. यह खेद का विषय है कि देश की राजधानी में हर वर्ष दिल्ली सरकार के बेघरों के लिये रैनबसेरे बनाने के दावों के बीच सैकड़ों बेघर ठंड से मरते हैं, पर फिर भी केजरीवाल सरकार ने इस वर्ष पुनः लापरवाही बरती और यह लापरवाही मात्र 30 दिनों में 162 लोगों की अकाल मौत का कारण बन गई है.
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के डयूसिब विभाग में भ्रष्टाचार है और इस वर्ष तो उसने रैनबसेरे लगाने के काम में भी इतनी देरी और भ्रष्टाचार किया कि दिसम्बर के प्रारंभ से ही रैनबसेरों में सुविधाओं में अभावों के कारण लोगों की लगातार मृत्यु हो रही है. गत कुछ दिनों में न सिर्फ दिल्ली भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा बल्कि दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने रैनबसेरों का दौरा किया और वहां के हालातों से असंतुष्ट दिखे. उपराज्यपाल ने तो अपने दौरे के बाद डयूसिब विभाग प्रमुख अन्य अधिकारियों पर सख्त कार्यवाई भी की है, जो केजरीवाल सरकार की लापरवाही का प्रमाण है.