नई दिल्ली: नेशनल मेडिकल कमीशन बिल को लेकर लगातार जहां डॉक्टर और सरकार के बीच उठापटक जारी है. वहीं दूसरी ओर इस बिल में संशोधन को लेकर दिल्ली के रेजीडेंट डॉक्टर हड़ताल पर जाने वाले हैं. बता दें कि इस बिल को लेकर आज दिल्ली के करीब 10 हजार डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे.
फोरडा के प्रेसिडेंट डॉ.सुमेध ने ईटीवी भारत को बताया कि एनएमसी बिल का हम विरोध नहीं करते लेकिन उस बिल में उन चीजों को शामिल किया गया है. जो न केवल मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए नुकसानदायक है बल्कि मरीजों के लिए भी दिक्कत की बात है. उन्होंने बताया कि इस बिल के जरिए सरकार प्राइवेट अस्पतालों को फायदा पहुंचा चाहती हैं. जिसके चलते इस बिल को पास कराने की कोशिश की जा रही है.
उन्होंने बताया कि इस बिल को लोकसभा में पास कर दिया गया है और गुरुवार को राज्यसभा में इसे पेश करना है. इसलिए हमारी मांग है कि इस बिल में पढ़ाई करने वाले छात्र और जनता को सरकार लाभ दे.
यह होगा असर
डॉक्टर निहित जैन ने बताया कि इन बिल में उन डॉक्टरों को भी अनुमति दी जा रही है जो एलोपैथिक दवाइयां नहीं दे सकते हैं. उन्होंने बताया कि अगर एक होम्योपैथिक डॉक्टर एलोपैथिक दवाइयां देगा तो उसमें नुकसान मरीज का होगा.
दिल्ली के सरकारी अस्पताल में दिखेगा असर
डॉ. सुमेध ने बताया कि एनएमसी बिल को लेकर गुरुवार को दिल्ली के तमाम सरकारी अस्पताल स्ट्राइक पर आएंगे. इसमें करीब 10 हजार से ज्यादा रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार से हमारी मांग है कि इस बिल में संशोधन किया जाए. जिससे कि मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र और मरीजों के साथ न्याय हो सके.
मरीजों को होगी परेशानी
दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर के हड़ताल पर जाने के बाद मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. जिसमें इमरजेंसी सेवाओं से लेकर ओपीडी और अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित हो सकती हैं. हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसके लिए सीनियर फैकल्टी मौजूद रहेंगे.