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दिल्ली के कोरोना अस्पतालों में करीब 10 हजार बेड खाली, गांवों तक नहीं पहुंच रही जानकारी

दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए 10 हजार बेड्स खाली होने का दावा किया जा रहा है. वहीं जानकारी के अभाव में ग्रामीण इलाकों की स्थिति अब भी चिंताजनक बनी हुई है.

10 thousand beds available in corona hospital delhi
दिल्ली के कोरोना अस्पतालों में करीब 10 हजार बेड खाली
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Published : May 16, 2021, 3:41 PM IST

नई दिल्लीः दावा किया जा रहा है कि राजधानी दिल्ली के कोरोना अस्पतालों में लगभग 10 हजार ऑक्सीजन और सामान्य बेड उपलब्ध हैं. दिल्ली सरकार एक ऐप के जरिए कोरोना अस्पतालों में उपलब्ध बेड और आईसीयू की जानकारी लोगों तक पहुंचा रही है. लेकिन बाहरी और दक्षिण पश्चिमी दिल्ली के कई गांव में लोग कोरोना संक्रमण के कारण अपनी जान गंवा रहे हैं.

दिल्ली के कोरोना अस्पतालों में करीब 10 हजार बेड खाली

जानकारी का है अभाव

दिल्ली के शहरी इलाकों में कोरोना के मामले भले ही कम हो रहे, लेकिन दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में कोरोना का कहर लगातार बरकरार है. बाहरी और दक्षिणी पश्चिमी दिल्ली के कई ऐसे गांव हैं जहां 30 से 40 लोगों की मौत कोरोना से हो चुकी है. भले ही दिल्ली सरकार राजधानी दिल्ली के कोरोना अस्पतालों में 10 हजार बेड खाली होने का दावा करती हो, लेकिन यह साफ है कि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के पास अभी भी सरकार द्वारा कोरोना से बचाव के लिए किए जा रहे इंतजामों की जानकारी नहीं पहुंच पा रही, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ेंः-कम होते कोरोना केस के बीच एक और हफ्ते के लिए बढ़ा दिल्ली में लॉकडाउन

'पंचायत स्तर पर साझा की जाए जानकारी'

जब राजधानी दिल्ली के शहरी इलाकों में कोरोना संक्रमण ज्यादा था तो लोगों ने दिल्ली के दूरदराज के इलाकों में स्थित अस्पतालों में भी जाकर अपना इलाज कराया था. लेकिन शहरी इलाकों में अब स्थिति ठीक होती दिख रही है. तो ऐसे में जरूरी है कि सरकार भी ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए तमाम जरूरी सुविधाएं उनके गांव में ही उपलब्ध कराएं.

दिल्ली सरकार यह दावा करती है कि उनके द्वारा दी गई सभी जानकारी ऑनलाइन अपडेट होती है, लेकिन सरकार को यह ध्यान में रखना होगा कि आज भी दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग बहुत ज्यादा मोबाइल फ्रेंडली नहीं है. इसलिए उन्हें जरूरी जानकारी नहीं मिल पाती. इसके लिए जरूरत है कि सरकार पंचायत स्तर पर कोई व्यवस्था करें और वहां के ग्रामीणों को पंचायत में ही यह जानकारी मिल सके कि उनके आसपास के किस अस्पतालों में कितने बेड उपलब्ध हैं और कहां वह अपना इलाज करा सकते हैं.

बढ़ाई जा रहे टेस्ट की संख्या

दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते रफ्तार से जुड़े सवाल के जवाब में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि इस बार के कोरोना के पिक में ग्रामीण आबादी ज्यादा प्रभावित हो रही है. दिल्ली सरकार सभी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. ग्रामीण इलाकों में कोरोना टेस्टिंग की संख्या बढ़ाई जा रही है और उन इलाकों में प्रतिदिन 10 हजार से भी ज्यादा टेस्ट किए जा रहे हैं. दिल्ली के अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में बेड खाली है, जहां लोग अपना इलाज करा सकते हैं.

इन अस्पतालों में खाली है इतने बेडः-

लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल 730
जीटीबी अस्पताल 391
राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल 206
दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल 129
वल्लभभाई पटेल कोविड केयर सेंटर 234
अंबेडकर नगर हॉस्पिटल303
बुराड़ी हॉस्पिटल 209
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर हॉस्पिटल 70
दीप चंद बंधु हॉस्पिटल80
इंदिरा गांधी हॉस्पिटल 233
सत्यवती हरिश्चंद्र हॉस्पिटल 60
गुरु तेग बहादुर आई सेंटर 163

नई दिल्लीः दावा किया जा रहा है कि राजधानी दिल्ली के कोरोना अस्पतालों में लगभग 10 हजार ऑक्सीजन और सामान्य बेड उपलब्ध हैं. दिल्ली सरकार एक ऐप के जरिए कोरोना अस्पतालों में उपलब्ध बेड और आईसीयू की जानकारी लोगों तक पहुंचा रही है. लेकिन बाहरी और दक्षिण पश्चिमी दिल्ली के कई गांव में लोग कोरोना संक्रमण के कारण अपनी जान गंवा रहे हैं.

दिल्ली के कोरोना अस्पतालों में करीब 10 हजार बेड खाली

जानकारी का है अभाव

दिल्ली के शहरी इलाकों में कोरोना के मामले भले ही कम हो रहे, लेकिन दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में कोरोना का कहर लगातार बरकरार है. बाहरी और दक्षिणी पश्चिमी दिल्ली के कई ऐसे गांव हैं जहां 30 से 40 लोगों की मौत कोरोना से हो चुकी है. भले ही दिल्ली सरकार राजधानी दिल्ली के कोरोना अस्पतालों में 10 हजार बेड खाली होने का दावा करती हो, लेकिन यह साफ है कि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के पास अभी भी सरकार द्वारा कोरोना से बचाव के लिए किए जा रहे इंतजामों की जानकारी नहीं पहुंच पा रही, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ेंः-कम होते कोरोना केस के बीच एक और हफ्ते के लिए बढ़ा दिल्ली में लॉकडाउन

'पंचायत स्तर पर साझा की जाए जानकारी'

जब राजधानी दिल्ली के शहरी इलाकों में कोरोना संक्रमण ज्यादा था तो लोगों ने दिल्ली के दूरदराज के इलाकों में स्थित अस्पतालों में भी जाकर अपना इलाज कराया था. लेकिन शहरी इलाकों में अब स्थिति ठीक होती दिख रही है. तो ऐसे में जरूरी है कि सरकार भी ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए तमाम जरूरी सुविधाएं उनके गांव में ही उपलब्ध कराएं.

दिल्ली सरकार यह दावा करती है कि उनके द्वारा दी गई सभी जानकारी ऑनलाइन अपडेट होती है, लेकिन सरकार को यह ध्यान में रखना होगा कि आज भी दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग बहुत ज्यादा मोबाइल फ्रेंडली नहीं है. इसलिए उन्हें जरूरी जानकारी नहीं मिल पाती. इसके लिए जरूरत है कि सरकार पंचायत स्तर पर कोई व्यवस्था करें और वहां के ग्रामीणों को पंचायत में ही यह जानकारी मिल सके कि उनके आसपास के किस अस्पतालों में कितने बेड उपलब्ध हैं और कहां वह अपना इलाज करा सकते हैं.

बढ़ाई जा रहे टेस्ट की संख्या

दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते रफ्तार से जुड़े सवाल के जवाब में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि इस बार के कोरोना के पिक में ग्रामीण आबादी ज्यादा प्रभावित हो रही है. दिल्ली सरकार सभी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. ग्रामीण इलाकों में कोरोना टेस्टिंग की संख्या बढ़ाई जा रही है और उन इलाकों में प्रतिदिन 10 हजार से भी ज्यादा टेस्ट किए जा रहे हैं. दिल्ली के अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में बेड खाली है, जहां लोग अपना इलाज करा सकते हैं.

इन अस्पतालों में खाली है इतने बेडः-

लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल 730
जीटीबी अस्पताल 391
राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल 206
दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल 129
वल्लभभाई पटेल कोविड केयर सेंटर 234
अंबेडकर नगर हॉस्पिटल303
बुराड़ी हॉस्पिटल 209
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर हॉस्पिटल 70
दीप चंद बंधु हॉस्पिटल80
इंदिरा गांधी हॉस्पिटल 233
सत्यवती हरिश्चंद्र हॉस्पिटल 60
गुरु तेग बहादुर आई सेंटर 163
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