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Rape Case: नाबालिग से दुष्कर्म मामले में युवक को 7 वर्ष कारावास, 2011 में कोचिंग जाते समय लड़की को उठाया था

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Published : Mar 10, 2023, 9:43 PM IST

गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले में युवक को दोषी पाते हुए 7 साल की कारावास और 70,000 रुपए का जुर्माना लगाया है. मामला 2011 का है. पीड़िता कोचिंग करने जा रही थी, वहीं से आरोपी ने जबरन उठा लिया था.

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नई दिल्ली/नोएडाः गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय ने 16 वर्षीय नाबालिग को जबरन अपने साथ लेकर फरार होने और शादी का दबाव बनाकर दुष्कर्म करने के मामले में रिंकू उर्फ राजकुमार को दोषी करार दिया है. अपर सत्र विशेष न्यायाधीश पॉक्सो 2 ने उसको 7 वर्ष कारावास की सजा सुनाई और 70,000 रुपए का जुर्माना लगाया है. जुर्माना नहीं देने पर 3 माह अतिरिक्त कारावास की सजा होगी. दरअसल, 2011 में जेवर थाना क्षेत्र की 16 वर्षीय नाबालिग को कोचिंग जाते समय आरोपी लेकर फरार हो गया और जबरन पंजाब में किराए के मकान में रखा. उसके साथ दुष्कर्म किया.

विशेष लोक अभियोजक जेपी भाटी और धर्मेंद्र जयंत ने बताया कि नाबालिग के पिता ने पुलिस को बताया कि 30 जून 2011 को 16 वर्षीय नाबालिग बेटी कोचिंग सेंटर जाने के लिए दोपहर 1:30 बजे घर से निकली. शाम तक वह वापस घर नहीं लौटी. काफी तलाश करने के बाद भी जब वह नहीं मिली तो 1 जुलाई 2011 को पीड़ित ने जेवर पुलिस से शिकायत की. पुलिस ने शिकायत के आधार पर गुमशुदगी में मामला दर्ज किया और नाबालिक की तलाश शुरू कर दी.

यह भी पढ़ेंः Raid in Tihar: तिहाड़ के जेल नंबर 3 में छापेमारी, 23 सर्जिकल ब्लेड, मोबाईल और ड्रग्स मिले

घटना के लगभग 1 महीने बाद पीड़िता के पिता ने पुलिस को बताया कि जहांगीरपुरी कस्बे के रहने वाले दो लोगों ने बताया कि 1 महीने तुम्हारी बेटी को रिंकू उर्फ राजकुमार को बाइक पर ले जाते हुए देखा था. उस समय वह दोनों राजस्थान के लिए जा रहे थे और अब वहां से आने के बाद उन्हें पता चला कि बच्ची गायब है और उसका अब तक पता नहीं चला तो उन्होंने पीड़ित के पिता को सूचना दी. इसके बाद पुलिस ने नाबालिग की गुमशुदगी में रिंकू उर्फ राजकुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी. पुलिस ने दोनों को काफी तलाश किया, लेकिन कहीं कोई पता नहीं चला.

6 महीने बाद हुई थी बरामदगीः 8 दिसंबर 2011 को जेवर पुलिस ने चंडीगढ़ से नाबालिग और रिंकू उर्फ राजकुमार को एक कमरे से बरामद किया, जहां पर दोनों पिछले 6 महीने से रह रहे थे. पुलिस ने बरामद करने के बाद जिला न्यायालय में नाबालिग को पेश किया. उसने अपने बयानों में बताया कि जब वह घर से कोचिंग के लिए जा रही थी तभी रिंकू उर्फ राजकुमार उसे जबरन अपनी बाइक पर बैठा लिया और पंजाब लेकर चला गया. उसने उसे डरा धमका कर अपने साथ रखा ओर उसके साथ जबरन दुष्कर्म भी किया. पुलिस ने गुमशुदगी के मामले में दुष्कर्म की धाराओं को तरमीन किया और चार्जशीट जिला न्यायालय में पेश की.

जिला न्यायालय में मामले की सुनवाई करते हुए अपर सत्र विशेष न्यायाधीश पोक्सो दो चंद्र मोहन श्रीवास्तव ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के जिरह और 7 गवाहों के बयानों के बाद आरोपी रिंकू उर्फ राजकुमार को दोषी करार दिया. अदालत ने दोषी को 7 वर्ष कारावास की सजा सुनाई और 70 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. जुर्माने की राशि जमा न करने पर 3 महीने अतिरिक्त कारावास की सजा भुगत मिलोगी.

यह भी पढ़ेंः अरविंद केजरीवाल झूठ के चैंपियन और साजिशों के मास्टर हैंः मनोज तिवारी

नई दिल्ली/नोएडाः गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय ने 16 वर्षीय नाबालिग को जबरन अपने साथ लेकर फरार होने और शादी का दबाव बनाकर दुष्कर्म करने के मामले में रिंकू उर्फ राजकुमार को दोषी करार दिया है. अपर सत्र विशेष न्यायाधीश पॉक्सो 2 ने उसको 7 वर्ष कारावास की सजा सुनाई और 70,000 रुपए का जुर्माना लगाया है. जुर्माना नहीं देने पर 3 माह अतिरिक्त कारावास की सजा होगी. दरअसल, 2011 में जेवर थाना क्षेत्र की 16 वर्षीय नाबालिग को कोचिंग जाते समय आरोपी लेकर फरार हो गया और जबरन पंजाब में किराए के मकान में रखा. उसके साथ दुष्कर्म किया.

विशेष लोक अभियोजक जेपी भाटी और धर्मेंद्र जयंत ने बताया कि नाबालिग के पिता ने पुलिस को बताया कि 30 जून 2011 को 16 वर्षीय नाबालिग बेटी कोचिंग सेंटर जाने के लिए दोपहर 1:30 बजे घर से निकली. शाम तक वह वापस घर नहीं लौटी. काफी तलाश करने के बाद भी जब वह नहीं मिली तो 1 जुलाई 2011 को पीड़ित ने जेवर पुलिस से शिकायत की. पुलिस ने शिकायत के आधार पर गुमशुदगी में मामला दर्ज किया और नाबालिक की तलाश शुरू कर दी.

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घटना के लगभग 1 महीने बाद पीड़िता के पिता ने पुलिस को बताया कि जहांगीरपुरी कस्बे के रहने वाले दो लोगों ने बताया कि 1 महीने तुम्हारी बेटी को रिंकू उर्फ राजकुमार को बाइक पर ले जाते हुए देखा था. उस समय वह दोनों राजस्थान के लिए जा रहे थे और अब वहां से आने के बाद उन्हें पता चला कि बच्ची गायब है और उसका अब तक पता नहीं चला तो उन्होंने पीड़ित के पिता को सूचना दी. इसके बाद पुलिस ने नाबालिग की गुमशुदगी में रिंकू उर्फ राजकुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी. पुलिस ने दोनों को काफी तलाश किया, लेकिन कहीं कोई पता नहीं चला.

6 महीने बाद हुई थी बरामदगीः 8 दिसंबर 2011 को जेवर पुलिस ने चंडीगढ़ से नाबालिग और रिंकू उर्फ राजकुमार को एक कमरे से बरामद किया, जहां पर दोनों पिछले 6 महीने से रह रहे थे. पुलिस ने बरामद करने के बाद जिला न्यायालय में नाबालिग को पेश किया. उसने अपने बयानों में बताया कि जब वह घर से कोचिंग के लिए जा रही थी तभी रिंकू उर्फ राजकुमार उसे जबरन अपनी बाइक पर बैठा लिया और पंजाब लेकर चला गया. उसने उसे डरा धमका कर अपने साथ रखा ओर उसके साथ जबरन दुष्कर्म भी किया. पुलिस ने गुमशुदगी के मामले में दुष्कर्म की धाराओं को तरमीन किया और चार्जशीट जिला न्यायालय में पेश की.

जिला न्यायालय में मामले की सुनवाई करते हुए अपर सत्र विशेष न्यायाधीश पोक्सो दो चंद्र मोहन श्रीवास्तव ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के जिरह और 7 गवाहों के बयानों के बाद आरोपी रिंकू उर्फ राजकुमार को दोषी करार दिया. अदालत ने दोषी को 7 वर्ष कारावास की सजा सुनाई और 70 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. जुर्माने की राशि जमा न करने पर 3 महीने अतिरिक्त कारावास की सजा भुगत मिलोगी.

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