नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने सीलमपुर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुए हिंसा के मामले में तीन आरोपियों को जमानत दे दिया है. एडिशनल सेशंस जज ललित कुमार ने दानिश, इस्लाम और सलीम को जमानत देते हुए कहा कि इन्हें हिरासत में रखने का कोई मतलब नहीं है.
15-15 हजार के मुचलके पर जमानत मिली
कोर्ट ने तीनों आरोपियों को 15-15 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत देने का आदेश दिया है. कोर्ट ने तीनों आरोपियों को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि वे साक्ष्यों और गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे. वहीं सभी आरोपी किसी भी आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं होंगे.
जमानत का पुलिस ने विरोध किया
तीनों की जमानत याचिका का दिल्ली पुलिस ने विरोध किया. पुलिस ने कहा कि तीनों गैरकानूनी भीड़ का हिस्सा थे और पुलिस बलों पर पत्थर फेंक रहे थे. पुलिस ने आरोपियों पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, एक पुलिस बूथ और पुलिस वाहन को आग लगाने की बात कही है.
पुलिस ने कहा कि जांच अभी प्रारंभिक स्तर पर है इसलिए आरोपियों को जमानत नहीं दी जानी चाहिए. सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी ने कहा कि आरोपियों की हिरासत में लेकर जांच की कोई जरुरत नहीं है.
गलत तरीके से फंसाने का आरोप
आरोपियों की तरफ से वकील जाकिर रजा और अब्दुल गफ्फार ने कोर्ट से कहा कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है. उन्होंने कहा कि आरोपियों को घटनास्थल की बजाय उनके घरों से उठाया गया. पिछले 16 जनवरी को भी कोर्ट ने सीलमपुर हिंसा मामले में कोर्ट ने एक आरोपी इरशाद को जमानत दिया था.