नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में ऑटो चालक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले (Suspicious death of auto driver in Ghaziabad) में चौकी इंचार्ज समेत दो सिपाहियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया (Policemen Case filed for culpable unintentional) गया है. यह मुकदमा इंदिरापुरम थाने में दर्ज किया गया है.
दरअसल सोमवार सुबह ऑटो चालक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. उसके परिजनों का यह आरोप था कि ऑटो चालक को एक्सीडेंट के एक मामले में पुलिस ने हिरासत में लिया था, जिसके बाद उसे मारा-पीटा गया. हालांकि पुलिस ने इस बात से इनकार करते हुए कहा था कि ऑटो चालक की मौत हार्ट अटैक से हुई है. घटना के बाद ऑटो चालकों ने दिनभर रोड पर हंगामा किया, जिसके बाद सोमवार रात मामले में धारा 304 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया. साथ ही अब इस मामले ने राजनीतिक रूप ले लिया है.
मामला गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाना क्षेत्र के कनावनी इलाके का है जहां पर 25 वर्षीय ऑटो चालक धर्मराज की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. बताया गया कि रविवार रात ऑटो चालक का एक साइकिल और बाइक से एक्सीडेंट हो गया था, जिसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में लिया. हालांकि रविवार रात उसे छोड़ दिया गया. इसके बाद ऑटो चालक की सोमवार सुबह अस्पताल में मौत हो गई थी.
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घटना के बाद ऑटो चालकों ने अस्पताल पहुंचकर जमकर हंगामा किया और पुलिस पर संगीन आरोप लगाए. इसपर डीसीपी ट्रांस हिंडन दीक्षा शर्मा ने कहा था कि मामले में जांच की जा रही है. बताया गया कि ऑटो चालक के शरीर पर कोई भी चोट के निशान नहीं पाए गए, मगर प्रदर्शन करने पहुंचे ऑटो चालक इस बात को मान नहीं रहे थे और शाम तक हंगामा चलता रहा. इसके बाद अंततः पुलिस ने धारा 304 के तहत मुकदमा दर्ज किया. बताया जा रहा है कि कनावनी पुलिस चौकी के इंचार्ज और दो सिपाहियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. वहीं इस मामले में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्वीट किया है. उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस ने निर्दोष की हत्या की है. मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी और 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए. मामले में जांच शुरू हो चुकी है.
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