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निजामुद्दीन और नीरज की कहानी एक जैसी, एक ने खोया भाई, दूसरे ने कारोबार - शिव विहार दंगा पीड़ित नीरज

दिल्ली दंगों का दंश झेल रहे निजामुद्दीन ने बताया कि उन पर जानलेवा हमला किया गया था, लेकिन जान बच गई. वहीं एक बैंक्वेट हॉल के संचालक नीरज ने बताया कि 24 फरवरी दोपहर को भीड़ बैंक्वेट हॉल पहुंची और आग लगा दी, जिसमें लाखों का नुकसान हुआ.

siv vihar riot victims nizamuddin and inraj said about violence
दंगों का दर्द
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Published : Feb 25, 2021, 6:57 AM IST

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में हुए दंगे ने शिव विहार के रहने वाले निजामुद्दीन के परिवार को जीवन भर का दर्द दे दिया. भीड़ ने न केवल उनके घर में लूटपाट की, बल्कि उनके भाई की भी हत्या कर दी. दंगे में निजामुद्दीन पर भी जानलेवा हमला किया, लेकिन उनकी जान बच गई. निजामुद्दीन ने बताया कि वह अपने बड़े भाई की बेटी की शादी में गांव गये थे.

निजामुद्दीन और नीरज की कहानी एक जैसी

26 फरवरी को उसे पड़ोसियों ने फोन कर बताया कि भीड़ ने उसके घर का दरवाजा तोड़कर उसके घर में लूटपाट की है. 27 फरवरी को वह अपने भाई जमालुद्दीन के साथ घर के लिए निकला. शिव विहार की पुलिया के पास भीड़ ने उसे घेर लिया और दोनों भाइयों पर हमला किया. उसे मरा समझकर नाले में फेंक दिया.

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गांव गया हुआ था निजामुद्दीन

निजामुद्दीन में ने बताया कि गंभीर रूप से घायल हालत में वह किसी तरीके से नाले से निकला और पुलिसकर्मियों के पास पहुंचा. पुलिस ने उसे जीटीवी अस्पताल में दाखिल कराया, जहां उसने पुलिसकर्मियों को बताया कि उसके भाई के साथ भी मारपीट हुई है. उसे नाले में फेंक दिया गया है. पुलिसकर्मी बताए हुए जगह पर पहुंचे और उसके भाई को भी जीटीवी अस्पताल में दाखिल कराया. जहां 3 मार्च को इलाज के दौरान जमालुद्दीन की मौत हो गई.

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निजामुद्दीन के भाई की हुई मौत

निजामुद्दीन ने बताया कि उसके भाई के परिवार में उसकी पत्नी के अलावा चार छोटे-छोटे बच्चे हैं. भाई की पत्नी बच्चों को लेकर अपने माता-पिता के साथ गाजियाबाद में रहती हैं. दिल्ली सरकार की तरफ से उसके भाई के परिवार को 10 लाख का मुआवजा मिला है. जिससे किसी तरह परिवार का पालन-पोषण हो रहा है.

निजामुद्दीन ने कहा कि उसके घर में दंगाइयों ने लूटपाट-तोड़फोड़ की, उसके भाई की बैकरी को नुकसान पहुंचाया गया, लेकिन सरकार की तरफ से उसे कोई मदद नहीं पहुंचाई गई है. कुछ सामाजिक संस्था की तरफ से उन्हें मदद दी गई है.

कई गाड़ियों को लगा दी गई थी आग, नहीं मिला मुआवजा

भीड़ ने शिव विहार तिराहे स्थित दो बैंक्वेट हॉल और उसके पार्किंग में खड़ी गाड़ियों में आग लगा दी थी. इस आग में 80 से ज्यादा गाड़ियां जलकर राख हो गईं. बैंक्वेट हॉल को भी काफी नुकसान पहुंचा, लेकिन 1 साल बाद भी सरकार की तरफ से पीड़ितों को मुआवजा नहीं मिला.

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नीरज के बैंक्वेट हॉल में लगाई आग

नीरज ने बताया कि जिन गाड़ियों के इंश्योरेंस थे, उन गाड़ियों के पैसे तो मिल गए, लेकिन जिन गाड़ियों का इंश्योरेंस नहीं था, उसका सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली. उनके बैंक्वेट हॉल को भी नुकसान पहुंचा, जिसका भी मुआवजा उन्हें अब तक नहीं मिल पाया है.

siv vihar riot victims nizamuddin and inraj said about violence
सभी वाहनों का नहीं मिला मुआवजा

बैंक्वेट हॉल के संचालक नीरज ने सुनाया दुखड़ा

बैंक्वेट हॉल के संचालक नीरज ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि 24 फरवरी दोपहर भीड़ बैंक्वेट हॉल पहुंची और आग लगा दी. इस आग में बैंक्वेट हॉल मैं खड़ी 54 गाड़ियां जलकर खाक हो गई. साथ ही बैंक्वेट हॉल को भी नुकसान पहुंचा. नीरज ने बताया कि इसके अलावा उनके बैंक्वेट हॉल के बगल में दूसरे बैंक्वेट हॉल को भी नुकसान पहुंचाया. वहां खड़ी 30 से ज्यादा गाड़ियां जला दी गईं.

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नहीं था सभी वाहनों का इंश्योरेंस

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में हुए दंगे ने शिव विहार के रहने वाले निजामुद्दीन के परिवार को जीवन भर का दर्द दे दिया. भीड़ ने न केवल उनके घर में लूटपाट की, बल्कि उनके भाई की भी हत्या कर दी. दंगे में निजामुद्दीन पर भी जानलेवा हमला किया, लेकिन उनकी जान बच गई. निजामुद्दीन ने बताया कि वह अपने बड़े भाई की बेटी की शादी में गांव गये थे.

निजामुद्दीन और नीरज की कहानी एक जैसी

26 फरवरी को उसे पड़ोसियों ने फोन कर बताया कि भीड़ ने उसके घर का दरवाजा तोड़कर उसके घर में लूटपाट की है. 27 फरवरी को वह अपने भाई जमालुद्दीन के साथ घर के लिए निकला. शिव विहार की पुलिया के पास भीड़ ने उसे घेर लिया और दोनों भाइयों पर हमला किया. उसे मरा समझकर नाले में फेंक दिया.

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गांव गया हुआ था निजामुद्दीन

निजामुद्दीन में ने बताया कि गंभीर रूप से घायल हालत में वह किसी तरीके से नाले से निकला और पुलिसकर्मियों के पास पहुंचा. पुलिस ने उसे जीटीवी अस्पताल में दाखिल कराया, जहां उसने पुलिसकर्मियों को बताया कि उसके भाई के साथ भी मारपीट हुई है. उसे नाले में फेंक दिया गया है. पुलिसकर्मी बताए हुए जगह पर पहुंचे और उसके भाई को भी जीटीवी अस्पताल में दाखिल कराया. जहां 3 मार्च को इलाज के दौरान जमालुद्दीन की मौत हो गई.

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निजामुद्दीन के भाई की हुई मौत

निजामुद्दीन ने बताया कि उसके भाई के परिवार में उसकी पत्नी के अलावा चार छोटे-छोटे बच्चे हैं. भाई की पत्नी बच्चों को लेकर अपने माता-पिता के साथ गाजियाबाद में रहती हैं. दिल्ली सरकार की तरफ से उसके भाई के परिवार को 10 लाख का मुआवजा मिला है. जिससे किसी तरह परिवार का पालन-पोषण हो रहा है.

निजामुद्दीन ने कहा कि उसके घर में दंगाइयों ने लूटपाट-तोड़फोड़ की, उसके भाई की बैकरी को नुकसान पहुंचाया गया, लेकिन सरकार की तरफ से उसे कोई मदद नहीं पहुंचाई गई है. कुछ सामाजिक संस्था की तरफ से उन्हें मदद दी गई है.

कई गाड़ियों को लगा दी गई थी आग, नहीं मिला मुआवजा

भीड़ ने शिव विहार तिराहे स्थित दो बैंक्वेट हॉल और उसके पार्किंग में खड़ी गाड़ियों में आग लगा दी थी. इस आग में 80 से ज्यादा गाड़ियां जलकर राख हो गईं. बैंक्वेट हॉल को भी काफी नुकसान पहुंचा, लेकिन 1 साल बाद भी सरकार की तरफ से पीड़ितों को मुआवजा नहीं मिला.

siv vihar riot victims nizamuddin and inraj said about violence
नीरज के बैंक्वेट हॉल में लगाई आग

नीरज ने बताया कि जिन गाड़ियों के इंश्योरेंस थे, उन गाड़ियों के पैसे तो मिल गए, लेकिन जिन गाड़ियों का इंश्योरेंस नहीं था, उसका सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली. उनके बैंक्वेट हॉल को भी नुकसान पहुंचा, जिसका भी मुआवजा उन्हें अब तक नहीं मिल पाया है.

siv vihar riot victims nizamuddin and inraj said about violence
सभी वाहनों का नहीं मिला मुआवजा

बैंक्वेट हॉल के संचालक नीरज ने सुनाया दुखड़ा

बैंक्वेट हॉल के संचालक नीरज ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि 24 फरवरी दोपहर भीड़ बैंक्वेट हॉल पहुंची और आग लगा दी. इस आग में बैंक्वेट हॉल मैं खड़ी 54 गाड़ियां जलकर खाक हो गई. साथ ही बैंक्वेट हॉल को भी नुकसान पहुंचा. नीरज ने बताया कि इसके अलावा उनके बैंक्वेट हॉल के बगल में दूसरे बैंक्वेट हॉल को भी नुकसान पहुंचाया. वहां खड़ी 30 से ज्यादा गाड़ियां जला दी गईं.

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नहीं था सभी वाहनों का इंश्योरेंस
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