नई दिल्ली/गाजियाबाद: महर्षि दयानंद सरस्वती की जयंती के मौके पर गाजियाबाद के डीएवी पब्लिक स्कूल में 'आत्मरक्षा से आत्मनिर्भरता' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में आचार्य बालकृष्ण महाराज ने भी शिरकत की. इस मौक पर उन्होंने आत्मरक्षा व राष्ट्र रक्षा के मंत्रों के साथ छात्रों को संस्कार आधारित समृद्धि का मार्ग बताया. कार्यक्रम का आयोजन आर्य वीर दल दिल्ली स्टेट ने किया था, जिसमें एक हजार आर्यवीर मौजूद रहे जिन्हें आत्मरक्षा से जुड़े गुण सिखाए गए.
इस दौरान आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि यह आयोजन युवाओं के लिए किया गया है. यहां प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे युवा खुद की रक्षा कर सकें. स्वामी दयानंद ने हमें प्रेरणा दी है कि वेदों की ओर लौटो. वेद परंपरा, वेद मंत्रों और गायन के साथ छात्रों को यहां वैदिक संस्कृति से अवगत कराया जा रहा है. इससे हम देश को बचा सकते हैं. युवा को अगर हमारी संस्कृति का ज्ञान होगा तो वह कभी नहीं भटकेगा.
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वहीं इस साल की बहुचर्चित फिल्म द केरल स्टोरी के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि, अगर हमारे बच्चों को संस्कार मिलेगा तो दुनिया की कोई दूसरी विकृतियां उनको प्रभावित नहीं कर सकती हैं. हमें दूसरों से प्रभावित नहीं होना है और इसके लिए व्यक्ति में संस्कार का होना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद और अध्यात्मवाद में जीने का संकल्प अद्भुत है. आज की युवा पीढ़ी जो भ्रमित है. उस भ्रमित पीढ़ी के लिए यह उदाहरण है कि युवा संस्कृति से जुड़कर अपने जीवन को सुधार सकता है.
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