नई दिल्ली: पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद उनके विधानसभा पटपड़गंज में लोग पानी की समस्याओं से जूझ रहे हैं. पटपड़गंज गांव में 2.4 एमजीडी क्षमता वाले भूमिगत जलाशय (यूजीआर) बनाए जाने के बावजूद क्षेत्र में पानी की समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है. क्षेत्र के लोगों से मिली शिकायत के बाद जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने पटपड़गंज गांव में बनाए गए यूजीआर का निरीक्षण किया.
बताया जा रहा है कि मनीष सिसोदिया की कोर्ट में पेशी के दौरान पटपड़गंज क्षेत्र के निवासियों ने पानी की समस्या उनके सामने रखा था. इसके बाद मनीष सिसोदिया ने अपने क्षेत्र की समस्याओं की जानकारी जल मंत्री सौरभ भारद्वाज को भिजवाई थी. इसी कड़ी में सौरभ भारद्वाज ने वहां पहुंचकर दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों को पानी की कमी के कारणों का पता लगाने और पानी के फ्लो को रीस्टोर करने का निर्देश दिया.
इस दौरान सौरभ भारद्वाज ने बताया कि केजरीवाल सरकार द्वारा पटपड़गंज में 2.4 एमजीडी क्षमता वाला भूमिगत जलाशय (यूजीआर) बनाया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य गर्मियों में पटपड़गंज और उससे सटे अन्य इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए पानी का संकट दूर करना है. इस यूजीआर के जरिए पटपड़गंज, पांडव नगर, मयूर कुंज, प्रताप विहार, पटपड़गंज गांव, चिल्ला गांव, शशि गार्डन समेत आस-पास की आठ कॉलोनियों और मयूर विहार फेज-1 की 31 सोसायटियों में पानी की आपूर्ति होती है. लेकिन पिछले कुछ समय से यूजीआर में पानी का स्तर घट गया है. वहीं कुछ जगहों पर लीकेज के चलते प्रेशर कम है. इसी वजह से विधानसभा के कुछ इलाकों में पानी की सुचारू सप्लाई नहीं हो पा रही है.
उन्होंने बताया कि पानी के घटते स्तर के कारणों का पता लगाकर फिर से पानी के फ्लो को रीस्टोर किया जाएगा. साथ ही लीकेज की समस्या का तुरंत निस्तारण कर पेयजल संकट को भी दूर किया जाएगा, ताकि इलाके के लोगों को पानी की दिक्कत न हो. पानी का प्रेशर ठीक होने के साथ इसकी क्वालिटी भी बेहतर होगी.
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उन्होंने कहा कि दिल्ली में हर घर को साफ और भरपूर पानी उपलब्ध कराने के लिए केजरीवाल सरकार विभिन्न परियोजनाओं पर युद्धस्तर पर काम कर रही है. इसके लिए विभिन्न क्षेत्रों में ट्यूबवेल लगवाए जा रहे हैं, ताकि पानी की मांग को पूरा करने के साथ गर्मियों में पानी की उपलब्धता में कोई कमी न हो. इसके अलावा जल्द दिल्ली में पानी की गुणवत्ता की ऑनलाइन निगरानी शुरू की जाएगी. इस काम के लिए कच्चे पानी के स्रोत, सभी जल शोधन संयंत्र और भूमिगत जलाशयों में सेंसर लगाए जाएंगे. इससे पानी की गुणवत्ता की वास्तविक समय में निगरानी हो सकेगी. साथ ही दिल्ली सरकार अब कॉलोनियों से भी पानी के सैंपल लेकर उसकी गुणवत्ता की जांच कराएगी.
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