नई दिल्ली/गाजियाबाद: मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) ने दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के प्राथमिकता खंड पर रैपिडएक्स सेवा के परिचलान को मंजूरी दे दी है. पिछले सप्ताह में रेल मंत्रालय ने आरआरटीएस रोलिंग स्टॉक को मंजूरी दी, जिसकी डिजाइन गति 180 किमी प्रतिघंटे, जबकि परिचालन गति 160 किमी प्रतिघंटे है, जो रोलिंग स्टॉक की पूर्ण क्षमता है.
सीएमआरएस की मंजूरी के साथ आरआरटीएस का प्राथमिकता खंड देश की ऐसी पहली रेलवे प्रणाली बन गया है, जिसे 160 किमी प्रतिघंटे की अधिकतम परिचालन गति की इजाजत है. पिछले एक वर्ष के दौरान एक से अधिक स्वतंत्र सुरक्षा मूल्यांकनकर्ताओं ने इस अत्याधुनिक विश्व स्तरीय, न्यू ऐज ट्रांजिट इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को तैयार करने के लिए एनसीआरटीसी द्वारा प्रयोग की जा रही प्रक्रियाओं की सख्ती से जांच की. आरआरटीएस सिस्टम की गहन जांच में सफल होने के बाद ही इसे रेल मंत्रालय और सीएमआरएस से मंजूरी मिली है.
पैसेंजर्स को मिलेंगी 4 तरह की खास सुविधाएं
- पैसेंजर्स को यूपीआई से भुगतान करने के विकल्प दिए जाएंगे. टीवीएम के पीओएस टर्मिनल पर क्यूआर कोड होगा. जिसको स्कैन कर किसी भी यूपीआई एप से पेमेंट कर सकते हैं. भुगतान के साथ पेपर क्यूआर टिकट टीवीएम से बाहर आ जाएगा. UPI के अलावा भुगतान के अन्य तीन विकल्प बैंक नोट, क्रेडिट/डेबिट कार्ड और एनसीएमसी कार्ड वॉलेट रहेगा.
- रैपिडएक्स कनेक्ट के जरिये ई-क्यूआर कोड जनरेट होगा, जो ई-टिकट होगा. स्टेशन पर एंट्री और एग्जिट के दौरान एएफसी गेट पर ई-क्यूआर कोड स्कैन करना होगा, जिसके बाद सीधे ट्रेन में सवार हो सकेंगे. अगर यात्री एक ही डेस्टिनेशन स्टेशन से वापस आना चाहते हैं, तो आने और जाने के टिकट के लिए एक ही ई-क्यूआर जनरेट किया जा सकेगा.
- नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड को RAPIDX स्टेशन के ग्राहक सेवा केंद्र समेत कई बैंकों से प्राप्त किया जा सकता हैं. ये कार्ड प्रीपेड, डेबिट या क्रेडिट RuPay कार्ड के रूप में होंगे, जिन्हें ग्राहक सेवा केंद्र पर रीचार्ज कराया जा सकता है. इसे स्टेशन के एएफसी गेट पर दिखा कर प्रवेश किया जा सकेगा.
- यदि पैसेंजर्स प्रीमियम क्लास में यात्रा करना चाहते हैं, तो उन्हें डबल-टैप एएफसी सिस्टम का इस्तेमाल करना होगा. यानी कॉनकोर्स लेवल से पेड एरिया में प्रवेश करने के बाद उन्हें प्लेटफॉर्म लेवल पर एक बार फिर एएफसी गेट पर टैप करते हुए प्रीमियम क्लास बोर्डिंग एरिया तक पहुंचना होगा. यहां से वे ट्रेन के प्रीमियम कोच में सवार होंगे और गंतव्य पर पहुंचने के वक्त वे प्रीमियम क्षेत्र में उतरेंगे और वहां के एएफसी गेट पर टैप करते हुए बाहर निकाल जाएंगे.
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4 साल से चल रहा निर्माणः एनसीआरटीसी परियोजना का निर्माण जून 2019 में आरंभ हुआ और इसके चार साल के भीतर ही एनसीआरटीसी रैपिडएक्स सेवाओं का कमर्शियल ऑपरेशन शुरू करने के लिए तैयार है. एनसीआरटीसी की टीम ने परियोजना के बाकी हिस्से में भी तेजी से प्रगति की है और जून 2025 में निर्धारित समयसीमा के भीतर मेरठ में मेट्रो सेवाओं के साथ-साथ पूर्ण कॉरिडोर को परिचालित करने के लिए तैयार है.