नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद की डासना जेल में बंद कैदियों की जिंदगी को संवारने के लिए तरह-तरह की कवायद की जा रही है. जेल प्रशासन का प्रयास करता है कि कैदियों को विभिन्न प्रकार की एक्टिविटी संलिप्त रखें, जिससे कि कैदी अपने पैशन को भी फॉलो कर सकें. साथी ही उनमें सकारात्मक सोच के साथ आत्मविश्वास भी डिवेलप हो सके. गाजियाबाद की डासना जेल में काफी संख्या में युवा कैदी है. युवाओं को मद्देनजर रखते हुए जेल में एक्टिविटी सेंटर्स बने हुए हैं, जहां युवा डांस, म्यूजिक, आर्ट आदि सीखते हैं.
जेल में कैदियों को डांस सिखाने की पूरी व्यवस्था: जेल के अंदर बने हुए एक्टिविटी सेंटर को देखकर बिल्कुल ऐसा लगता है कि जैसे किसी बड़ी संस्थान की एक्टिविटी सेंटर हो. एक्टिविटी सेंटर में कैदियों को सिखाने के लिए तमाम सुविधाएं मौजूद हैं. बात अगर डांस एक्टिविटी सेंटर की करें, तो यहां दीवारों पर मिरर लगे हुए हैं. एक शानदार साउंड सिस्टम मौजूद है. ट्रेनर की व्यवस्था भी जेल प्रशासन ने की है. जब कैदी यहां डांस परफॉर्मेंस करते हैं तो उन्हें देखकर बिल्कुल भी एहसास नहीं होता कि यह सब जेल में बंद है.
कैदियों को बनाया जा रहा हुनरमंद: वीडियो में आप साफ तौर पर देख सकते हैं कि जेल में बंद कैदी कितनी शानदार डांस परफॉर्मेंस दे रहे हैं. जहां एक तरफ परफॉर्मेंस में कोआर्डिनेशन नजर आ रहा है. तो वहीं दूसरी तरफ इनके चेहरे पर भी एक अलग कॉन्फिडेंस दिखाई दे रहा है. जेल अधीक्षक आलोक सिंह के नेतृत्व में कई सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर कैदियों की जिंदगी सवारने और उनको हुनरमंद बनाने की कवायद की जा रही है. जब भी कैदी जेल से रिहा होंगे तो यह खुद की डांस एकेडमी खोल सकते हैं, या फिर किसी डांस एकेडमी में डांस ट्रेनर की नौकरी भी कर सकते हैं. जेल में इनके समय का सदुपयोग हो रहा.
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कैदियों ने सुधार लाने का प्रयास: जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने कहा कि कारागार अब सुधार ग्रह के नाम से भी प्रचलित है. कारागार में कैदियों को सिर्फ रखना ही नहीं, बल्कि हमारा प्रयास रहता है कि कैदियों में सकारात्मक सुधार लाया जा सके. जेल में डांस और म्यूजिक थेरेपी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इन थैरेपीज के माध्यम से किसी भी व्यक्ति की मनोदशा में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है. कैदी डिप्रेशन से बाहर होता है. साथ ही व्यर्थ की बातों के बारे में सोचना बंद हो जाता है. इससे कैदी में एक सकारात्मक सोच डिवेलप होने लगती है. इस से कैदी की पर्सनैलिटी भी इंप्रूव होती है. आचरण में सुधार होता है.
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