नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: दिल्ली की बादलपुर थाना पुलिस व नोएडा एसटीएफ की टीम ने 25 हजार के ईनामी बदमाश को शनिवार को गिरफ्तार किया. आरोपी के कब्जे से पुलिस ने एक देसी तमंचा 315 व एक जिंदा कारतूस भी बरामद किया. आरोपी को बादलपुर पुलिस व यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए फरार गैंगस्टर को गिरफ्तार किया है.
आरोपी पर गैंगस्टर एक्ट के तहत इनाम घोषित: आरोपी की गिरफ्तारी तब हुई जब वह दिल्ली से किसी घटना को अंजाम देने के लिए बादलपुर क्षेत्र में आया हुआ था. मुखबिर द्वारा मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी पर गैंगस्टर एक्ट में ₹25000 का इनाम भी घोषित किया गया था. आरोपी को पुलिस ने धूम मानिकपुर के नजदीक निर्माणाधीन पुल के पास से शनिवार को गिरफ्तार किया.
पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली के थाना भजनपुरा के रहने वाले अमित उर्फ हरीश उर्फ बबलू उर्फ हरीश सक्सेना को धूम मानिकपुर गांव के पास से शनिवार को गिरफ्तार किया गया. आरोपी अमित पर बादलपुर थाना क्षेत्र में लगभग आधा दर्जन मामले दर्ज है जिनमें गैंगस्टर एक्ट और आर्म्स एक्ट की धाराओं में मामले दर्ज किए गए हैं आरोपी शातिर किस्म का अपराधी है जो दिल्ली में रहकर नोएडा में आपराधिक घटनाओं को अंजाम देता था और उसके बाद यहां से फरार होकर दिल्ली में छुपकर रहता था.
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डेढ़ करोड़ की धोखाधड़ी: मैसर्स ईला होम फैशन कंपनी के मुख्य परिचालन अधिकारी हरियाणा निवासी देवेश गुप्ता के साथ शातिर जालसाजों ने फर्म खोलकर करीब डेढ़ करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की. मामले में न्यायालय के आदेश पर तीन लोगों के खिलाफ थाना सेक्टर-63 में केस दर्ज हुआ है. धोखाधड़ी करने वाले एक आरोपी द्वारा अपनी पत्नी को फर्जी तरीके से हर महीने 1 लाख रुपये वेतन देने का काम किया जा रहा था, जबकि उसकी पत्नी कंपनी में काम नहीं कर रही थी. वहीं अन्य तरीकों से भी धोखाधड़ी करने का काम आरोपियों ने किया है.
झांसे में लेने के लिए प्रारंभिक चरण में आरोपियों ने पूरी ईमानदारी से काम किया और काम को लेकर भी पारदर्शिता दिखाई. थोड़ा समय बीतने के बाद विक्रेताओं की शिकायतें मिलने लगीं कि आरोपियों ने बिलों का भुगतान करना बंद कर दिया है, जिससे संबंधित कंपनी की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं. इसके बाद कंपनी की ओर से आंतरिक जांच बिठाई गई, जिसमें सामने आया कि नीला माधव अपनी पत्नी अलका भारती को फर्जी तरीके से एक लाख रुपये वेतन जारी कर रहा था, जबकि वह मार्च 2022 से कंपनी में काम नहीं कर रही हैं. फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद शिकायतकर्ता ने संबंधित लोगों ने नाता तोड़ लिया.
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