नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा प्राधिकरण का फर्जी अकाउंटेंट ऑफिसर बनकर 3 करोड़ 80 लाख रुपए निकालने के मामले में पुलिस ने शुक्रवार को एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान अब्दुल खादर के रूप में हुई है, जो तमिलनाडु के पांडुचेरी का रहने वाला है. इसके पास से कुछ दस्तावेज बरामद हुए हैं. इससे पुलिस की कई टीमें गहनता से पूछताछ कर रही है.
इससे मिली जानकारी के आधार पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, लखनऊ, गुजरात, पांडेचेरी, कोलकाता सहित कई जगहों पर पुलिस की टीमें दबिश दे रही है. पुलिस अधिकारियों ने दावा किया है कि गिरफ्तार आरोपी अभी घटना की पहली कड़ी है. इसमें कई कड़ियां और जुड़ेंगी. पुलिस अधिकारी बैंक के अधिकारियों और नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों से भी पूछताछ कर रहे हैं. बैंक से निकाली गई रकम अभी तक बरामद नहीं हो पाई है. बताया जाता है कि इस गैंग के लोग कई दिनों तक नोएडा के विभिन्न होटलों में ठहरे थे. पुलिस उन होटलों के बारे में भी जानकारी इकठ्ठी कर रही है.
ऐसे की ठगी: डीसीपी हरिश चंदर ने बताया कि नोएडा प्राधिकरण ने 23 जून को बैंक ऑफ इंडिया के सेक्टर-62 ब्रांच में 200 करोड़ रुपए एफडी करवाने के लिए जमा कराए थे. प्राधिकरण ने सभी कागजात बैंक को सौंप दिए थे, लेकिन बैंक की तरफ से एफडी नहीं दी गई. इस दौरान अब्दुल खादर ने खुद को नोएडा प्राधिकरण का अकाउंट अफसर बताकर बैंक से 3 करोड 80 लाख रुपए तीन अलग-अलग अकाउंट में ट्रांसफर करवा लिए, जहां से रकम गुजरात के 15 अलग-अलग खातों में ट्रांसफर की गई.
आरोपी दोबारा 9 करोड रुपए ट्रांसफर करवाना चाह रहा था. इसी बीच बैंक की एक महिला अधिकारी को शक हो गया. उन्होंने इसे चेक किया तो जालसाजी की बात सामने आई. बताया जाता है कि 9 करोड रुपया ट्रांसफर कर दिए गए थे, लेकिन महिला अधिकारी ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए रकम को होल्ड कर लिया.
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ठगी का मास्टरमाइंड कोई और: डीसीपी ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि अब्दुल इस घटना की पहली कड़ी है. इसके पीछे मास्टरमाइंड कोई और है. पुलिस को शक है कि इस गैंग का सरगना बैंक या नोएडा प्राधिकरण का कोई अधिकारी भी हो सकता है. पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि अब्दुल को कैसे पता चला कि नोएडा प्राधिकरण ने बैंक में 200 करोड़ रुपए एफडी के लिए जमा कराया है. इस मामले की आंतरिक जांच के लिए नोएडा प्राधिकरण ने एक कमेटी गठित की है.
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