नई दिल्ली/गाजियाबाद: हिंदू धर्म में अगर व्रतों की बात की जाए, तो इसमें एकादशी व्रत का बड़ा महत्व है. आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को योगिनी एकादशी कहते हैं. इस बार एकादशी का व्रत 14 जून, बुधवार को रखा जाएगा. इस एकादशी को बेहद फलदाई माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु और माता महालक्ष्मी की विधि विधान से उपासना करने से व्रती को 80 हजार गौ दान करने का पुण्य प्राप्त होता है. वहीं अगर कोई व्यक्ति 24 योगिनी एकादशी का व्रत कर ले, तो उसे वैकुंठवास मिलता है.
पूजन विधि- योगिनी एकादशी के दिन प्रात:काल उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें. इसके बाद घर के मंदिर की साफ सफाई कर भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक करें और व्रत का संकल्प लें. इसके भगवान विष्णु को फूल अर्पित कर उन्हें भोग लगाएं. फिर दीपक जलाकर विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें. वहीं माता महालक्ष्मी की पूजा कर श्रीसूक्तम् का पाठ करें. इसके बाद आरती करें. इस दिन दान करने का भी विशेष महत्व बताया गया है. व्रती को ब्राह्मण और लोगों को जल, शरबत आदि का दान करना चाहिए.
योगिनी एकादशी शुभ मुहूर्त-
- योगिनी एकादशी प्रारंभ: 13 जून (मंगलवार) सुबह 09:28 बजे
- योगिनी एकादशी समाप्त: 14 जून (बुधवार) सुबह 08:48 बजे
- पारण करने का समय: 15 जून (गुरुवार) सुबह 05:32 AM से सुबह 08:10 बजे तक
एकादशी के दिन इन बातों का रखें विशेष ध्यान-
- एकादशी के दिन भोजन में चावल ग्रहण न करें. इसके अलावा तामसिक भोजन का सेवन न करें. इस दिन मांस, प्याज और लहसुन का सेवन करना वर्जित होता है. इसके अलावा किसी भी तरह के नशीले पदार्थ जैसे शराब, गुटखा, सिगरेट आदि का भी सेवन न करें.
- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति, अमावस्या, चतुर्दशी, पूर्णिमा एवं एकादशी तिथि के दिन संबंध नहीं बनाने चाहिए. इस दिन ऐसा करना पाप माना गया है.
- एकादशी पर विशेष तौर से गलत वाणी का प्रयोग न करें और न ही किसी पर क्रोध करें. साथ ही किसी व्यक्ति को अपशब्द बोलने से भी बचें.
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