ETV Bharat / state

इस दिन विवाह के बंधन में बंधे थे भगवान राम और माता सीता, इन उपायों को करने से विवाह के योग बनेंने जल्दी

Vivah Panchmi 2023: स्वयंवर के बाद जिस दिन भगवान राम और माता सीता विवाह के बंधन में बंधे थे उसे विवाह पंचमी के रूप में मनाया जाता है. आइए जानते हैं इस दिन किन उपायों को करने से विवाद के योग जल्दी बनेंगे.

Vivah Panchmi 2023
Vivah Panchmi 2023
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 16, 2023, 3:06 PM IST

ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा

नई दिल्ली/गाजियाबाद: मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी मनाई जाती है. इस दिन को भगवान श्रीराम और माता जानकी के विवाह उत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस बार यह रविवार, 17 दिसंबर, 2023 को पड़ रहा है. ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा ने बताया कि वाल्मीकि रामायण में वर्णित है कि त्रेता युग में इसी दिन भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था. इसी कारण इस दिन को विवाह पंचमी कहा जाता है.

जिस तरह से घरोंं व मंदिरों में तुलसी विवाह का आयोजन किया जाता है, ठीक उसी तरह राम जानकी विवाह का भी आयोजन किया जाता है. सनातन धर्म में विवाह को लेकर यह मान्यता है कि विवाह केवल शारीर नहीं बल्कि दो आत्माओं का मिलन भी है. इस दिन भगवान श्रीराम और माता सीता की विधि विधान से पूजा अर्चना करने से युवक-युवतियों के विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और विवाह के योग बनते हैं. अगर विवाहित जोड़े इस दिन पूजा करते हैं तो उनके दांपत्य जीवन में खुशहाली बढ़ती है.

पंचमी तिथि की शुरुआत: 16 दिसंबर, 2023 को रात 08:00 से
पंचमी तिथि समाप्त: 17 दिसंबर, 2023 को शाम 05:33 तक.
उदया तिथि के अनुसार रविवार 17 दिसंबर को विवाह पंचमी मनाई जाएगी

यह भी पढ़ें-भारी भीड़ के चलते सबरीमाला मंदिर में बिना दर्शन किए ही वापस लौट रहे हजारों भक्त, प्रशासन की नाकामी

  1. पूजा विधि: श्रीराम भगवान विष्णु के अवतार हैं, जबकि मां सीता देवी लक्ष्मी की अवतार हैं. विवाह पंचमी पर गाय के दूध में केसर मिलाकर विष्णु-लक्ष्मी जी की प्रतिमा का अभिषेक करें.
  2. यदि घर में कोई ऐसा व्यक्ति है, जिसके विवाह में देरी हो रही है भगवान राम और माता सीता की प्रतिमा या तस्वीर को गाय के दूध से बनी खीर का भोग लगाएं. ऐसी मान्यता है कि इस उपाय से ग्रहों की स्थिति अनुकूल होती है और विवाह के योग जल्दी बनते हैं.
  3. इस दिन पूजा अर्चना के साथ-साथ श्रीरामचरित्रमानस का पाठ भी अवश्य करें. ऐसा करने से भगवान श्रीराम और माता सीता का आशीर्वाद बना रहता है.

Disclaimer: खबर सिर्फ धार्मिक मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की ETV Bharat पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

यह भी पढ़ें-दिल्ली में 3 हजार जवानों के सुरक्षा घेरे में लगेगा बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री का दरबार

ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा

नई दिल्ली/गाजियाबाद: मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी मनाई जाती है. इस दिन को भगवान श्रीराम और माता जानकी के विवाह उत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस बार यह रविवार, 17 दिसंबर, 2023 को पड़ रहा है. ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा ने बताया कि वाल्मीकि रामायण में वर्णित है कि त्रेता युग में इसी दिन भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था. इसी कारण इस दिन को विवाह पंचमी कहा जाता है.

जिस तरह से घरोंं व मंदिरों में तुलसी विवाह का आयोजन किया जाता है, ठीक उसी तरह राम जानकी विवाह का भी आयोजन किया जाता है. सनातन धर्म में विवाह को लेकर यह मान्यता है कि विवाह केवल शारीर नहीं बल्कि दो आत्माओं का मिलन भी है. इस दिन भगवान श्रीराम और माता सीता की विधि विधान से पूजा अर्चना करने से युवक-युवतियों के विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और विवाह के योग बनते हैं. अगर विवाहित जोड़े इस दिन पूजा करते हैं तो उनके दांपत्य जीवन में खुशहाली बढ़ती है.

पंचमी तिथि की शुरुआत: 16 दिसंबर, 2023 को रात 08:00 से
पंचमी तिथि समाप्त: 17 दिसंबर, 2023 को शाम 05:33 तक.
उदया तिथि के अनुसार रविवार 17 दिसंबर को विवाह पंचमी मनाई जाएगी

यह भी पढ़ें-भारी भीड़ के चलते सबरीमाला मंदिर में बिना दर्शन किए ही वापस लौट रहे हजारों भक्त, प्रशासन की नाकामी

  1. पूजा विधि: श्रीराम भगवान विष्णु के अवतार हैं, जबकि मां सीता देवी लक्ष्मी की अवतार हैं. विवाह पंचमी पर गाय के दूध में केसर मिलाकर विष्णु-लक्ष्मी जी की प्रतिमा का अभिषेक करें.
  2. यदि घर में कोई ऐसा व्यक्ति है, जिसके विवाह में देरी हो रही है भगवान राम और माता सीता की प्रतिमा या तस्वीर को गाय के दूध से बनी खीर का भोग लगाएं. ऐसी मान्यता है कि इस उपाय से ग्रहों की स्थिति अनुकूल होती है और विवाह के योग जल्दी बनते हैं.
  3. इस दिन पूजा अर्चना के साथ-साथ श्रीरामचरित्रमानस का पाठ भी अवश्य करें. ऐसा करने से भगवान श्रीराम और माता सीता का आशीर्वाद बना रहता है.

Disclaimer: खबर सिर्फ धार्मिक मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की ETV Bharat पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

यह भी पढ़ें-दिल्ली में 3 हजार जवानों के सुरक्षा घेरे में लगेगा बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री का दरबार

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.