नई दिल्ली/गाजियाबाद: इस वर्ष शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन मां दुर्गा का आगमन हाथी पर हुआ था, जो विश्व के और देश के लिए बहुत शुभ योग है. इससे वर्षा धन-धान्य की प्राप्ति के योग बनेंगे, लेकिन दशहरा 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी और उस दिन ग्रहों की स्थिति प्रतिकूल है.
इस वक्त है मृत्यु योग: ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा ने बताया कि मंगलवार को दशहरा पड़ना अशुभ माना जाता है. इसके फलस्वरूप देश-विदेश में उत्पात, हिंसा और भयंकर अग्निकांड की घटना घटती हैं. 24 अक्टूबर को प्रात:काल सूर्य उदय से दोपहर तीन बजकर 27 मिनट तक धनिष्ठा नक्षत्र और गंड योग है. यह ग्रह योग उत्पात योग बनाता है, जो विश्व में निरंतर हिंसा अराजकता बढ़ाने का योग बनाता है.
तीन बजकर 27 मिनट के बाद मंगलवार को शतभिषा नक्षत्र मृत्यु योग है, इस योग के दुष्परिणाम स्वरूप विश्व में और देश में उच्च पदस्थ पर विराजमान कोई नेता या अधिकारी की मृत्यु संभव है. साथ ही गृह युद्ध और विश्व युद्ध का योग भी बन सकता है.
इस समय करें रावण दहण: उन्होंने बताया कि यद्यपि दशहरे के दिन कई अशुभ योग बन रहे हैं. किंतु विजयदशमी पर्व के कारण सारे दोष व अशुभ योग नगण्य में जाते हैं तो इससे चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है. दशहरा पर पूजन के लिए अभिजित मुहूर्त दोपहर 11:36 बजे से 12:24 बजे तक रहेगा. इसके बाद दूसरा मुहूर्त दोपहर 12:38 बजे से 14:21 बजे तक रहेगा. दोपहर 3:27 बजे के बाद मृत्यु योग आएगा, जिसमें रावण दहन किया जाएगा. रावण दहन इस बार प्रदोष काल से लेकर के रात्रि 11:30 बजे तक होगा. वहीं, सूर्यास्त के बाद शाम 7:30 बजे और निशीथ काल में भी रात्रि 11:00 बजे से 12:30 तक रावण दहन का मुहूर्त है.
अनैतिक प्रवृत्ति के लोगों का होगा नाश: यह उत्पात और मृत्यु योग उन लोगों के लिए खराब है, जो अनैतिक कार्य करते हैं. इसका यह भी अर्थ है कि जैसे बुराइयों का प्रतीक रावण, भगवान राम के बाणों से मृत्यु को प्राप्त हुआ, उसी प्रकार जो अनैतिक प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं उनके लिए यह योग यह योग विनाश का कारण बनेगा.
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